क्या अभी तक दूर नहीं हुई है अखिलेश-शिवपाल के बीच की तल्खी, चाचा ने फिर दी भतीजे को सीख
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क्या अभी तक दूर नहीं हुई है अखिलेश-शिवपाल के बीच की तल्खी, चाचा ने फिर दी भतीजे को सीख

शिवपाल ने अखिलेश द्वारा बसपा से गठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. 

(फाइल फोटो- पीटीआई)

बदायूंः समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को कहा कि अगर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘बड़ों’ की बात मानी होती तो वह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाते. अखिलेश के चाचा और पार्टी में कभी उनके प्रतिद्वंद्वी रहे शिवपाल ने छोटे सरकार की मजार पर चादरपोशी के बाद संवाददाताओं से कहा कि अखिलेश और उनके चचेरे भाई सांसद धर्मेन्द्र यादव को उन्होंने गोद में खिलाया, परवरिश की, यहां तक कि उनकी शादी भी की, लेकिन युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है.

मैं हाशिए पर नहीं हूंः शिवपाल
शिवपाल सिंह जब बदायूं पहुंचे तो उनके स्वागत में पार्टी का कोई भी पदाधिकारी नहीं आया.इस घटना से पार्टी की गुटबंदी साफ़ नज़र आयी, एक कार्यकर्ता के घर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, '' मैं आज भी पार्टी में हूं पार्टी का विधायक हूं, हाशिये पर नहीं हूं, मेरे साथ आज भी सैकड़ों कार्यकर्ता है, जहां जाता हूं, कार्यकर्ता मेरा स्वागत करते हैं मुझे खाना भी खिलाते हैं, मैं हाशिये पर तब होता जब लोग मेरे साथ ना होते."

'धर्मेंद्र यादव संमझें कि उन्हें क्या करना है'
शिवपाल से एक सवाल पूछा गया कि बदायूं से आपके भतीजे धर्मेंद्र यादव सांसद हैं और तब भी कोई पार्टी पदाधिकारी आपने मिलने नहीं आया तो इस पर शिवपाल सिंह का दर्द छलक आया और दर्द भरी आवाज़ में कहा, ''धर्मेंद्र यादव हमारे साथ रहे हैं इनको मैं ने पढ़ाया लिखाया शादी करवाई, इनके पिता जी आज भी मेरे साथ हैं अब धर्मेंद्र संमझें कि उन्हें क्या करना है, परिवार कैसे चलता है,हमारी कोशिश यही है कि परिवार एक साथ हो.''

उन्होंने कहा, ‘‘अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी सपा सरकार बनी होती. इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस मे सभी एकजुट रहे और लोगों को भी एकजुट करें.’’ 

 

शिवपाल ने अखिलेश द्वारा बसपा से गठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. वह पार्टी के हित में सभी लोगों को एकजुट रखना चाहते है और वह हमेशा से सपा के लिए समर्पित है.

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इस सवाल पर कि क्या वह सपा में हाशिये पर पहुंच गये हैं, पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर वह हाशिये पर होते तो उनके पीछे जनता नहीं होती. वह अब भी जब कहीं जाते हैं तो बड़ी संख्या में लोग उन्हें बिना बताए पहुंच जाते हैं.गौरतलब है कि पिछले साल अखिलेश के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार और संगठन पर वर्चस्व के लिये सपा में दो गुट बन गये थे. इनमें से एक गुट अखिलेश का था, जबकि दूसरे गुट की अगुआई शिवपाल कर रहे थे.

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आपको बता दें कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान दरार देखने को मिली थी. समाजवादी पार्टी के मंच से अखिलेश ने शिवपाल पर निशाना साधा था तो शिवपाल ने मंच से यहां तक कह दिया था कि 'मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे है'. यूपी विधानसभा चुनावों में सपा की हार के बाद दोनों के बीच मनमुटाव आखिरकार फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की जीत के बाद दूर होता दिखा था. अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा की शानदार जीत पर पहली बार उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर बधाई दी थी. ये पहला मौका था जब शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा को मिली सफलता की तारीफ की है. हालांकि ट्वीट में शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया था. 

 

शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट में लिखा था, 'समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक विजय पर फूलपुर एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता, समाजवादी पार्टी के कुशल नेतृत्व, कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं विजयी प्रत्याशियों को बहुत-बहुत बधाई. कड़ी मेहनत व सामाजिक न्याय की साझी जमीन पर लिखी गई यह खूबसूरत कहानी मील का पत्थर साबित हो, ऐसी मंगल कामना.'

(इनपुट भाषा से)

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