Lok Sabha Election 2024: रामपुर में सपा प्रत्याशी को लेकर खींचतान, आजम के बगावती तेवर के आगे क्या झुकेंगे अखिलेश?
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Lok Sabha Election 2024: रामपुर में सपा प्रत्याशी को लेकर खींचतान, आजम के बगावती तेवर के आगे क्या झुकेंगे अखिलेश?

Rampur Lok Sabha Chunav 2024: रामपुर लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आजम खां के बीच टकराव की स्थिति बनती दिख रही है. यहां से दोनों खेमे के प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. 

Lok Sabha Election 2024: रामपुर में सपा प्रत्याशी को लेकर खींचतान, आजम के बगावती तेवर के आगे क्या झुकेंगे अखिलेश?

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया के बाद सपा में सियासी संग्राम छिड़ा दिख रहा है. मुरादाबाद में सपा प्रत्याशी बदल चुका है लेकिन रामपुर लेकर अभी भी खींचतान देखने को मिल रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आजम खां के करीबी प्रत्याशी पर्चा दाखिल कर चुके हैं. अब 30 मार्च को नाम वापसी के बाद ही पता चल पाएगा कि सपा की ओर से कौन अधिकृत प्रत्याशी है.

आसिम रजा और नदवी के बीच फंसी दावेदारी
बता दें कि रामपुर लोकसभा सीट पर दबाव की राजनीति के चलते आसिम रजा और नदवी के बीच दावेदारी फंसी हुई है. अखिलेश यादव ने मौलान नदवी का नामांकन कराया है जबकि आजम खान खेमे से आसिम रजा ने पर्चा दाखिल किया है. अब देखना होगा कि अखिलेश यादव क्या आजम खान के आगे झुकेंगे या उनकी मर्जी का प्रत्याशी मैदान में होगा. 

कहा जाता है कि रामपुर और इसके आसपास की सीटों पर प्रत्याशी का फैसला आजम खां की मर्जी से होता है. सूत्रों के मुताबिक आजम खां रुचि वीरा को बिजनौर, यूसुफ मलिक को मुरादाबाद से लड़ाना चाहते थे. रुचि वीरा को टिकट नहीं मिला. जबकि मुरादाबाद से एसटी हसन को टिकट दिया. इसके बाद आजम खां के समर्थकों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया. इसके बाद मुरादबाद में प्रत्याशी बदल गया है. लेकिन रामपुर को लेकर सस्पेंस बरकरार है. 

प्रदेश अध्यक्ष आज सौपेंगे रिपोर्ट
बता दें कि रामपुर और मुरादाबाद के सियासी घटनाक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम बुधवार को रामपुर और मुरादाबाद गए थे. आज वह अखिलेश यादव को कल की पूरी रिपोर्ट देंगे. जानकारी के मुताबिक सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सपा पार्टी दफ्तर पहुंच चुके हैं. वहीं थोड़ी देर में अखिलेश यादव सपा दफ्तर पहुंचेंगे. 

पहले भी दिखा चुके बागी तेवर
आजम खां पहले भी बागी तेवर दिखाते रहे हैं. 2009 में जया प्रदा को टिकट देने से नाराजगी के चलते नेताजी ने आजम खां को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 2019 में भी उन्होंने बगावती तेवर दिखाए थे और विरोध में बहिष्कार कर दिया था, लेकिन बाद में वह रामपुर सीट से चुनाव लड़े और जीतने में भी कामयाब रहे. 

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