चार बार की UP CM मायावती ने कैसे खोया सियासी वजूद, कल जन्मदिन पर जारी किताब में करेंगी बड़े खुलासे
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चार बार की UP CM मायावती ने कैसे खोया सियासी वजूद, कल जन्मदिन पर जारी किताब में करेंगी बड़े खुलासे

Mayawati Birthday: बसपा सुप्रीमो अपने जन्‍मदिन के मौके पर मायावती बीएसपी की ब्लू बुक 'एक पुस्तक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा' भाग 19 का विमोचन करेंगी. इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण का भी विमोचन किया जाएगा.

Mayawati Birthday

Mayawati Birthday: बहुजन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष व यूपी की चार बार की मुख्‍यमंत्री रह चुकी बहन मायावती का कल 15 जनवरी को जन्‍मदिन है. यह दिन बसपा कार्यकर्ताओं के लिए अहम होने वाला है. बहन मायावती अपने 68वां जन्‍मदिन पर बड़ा ऐलान कर सकती हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उनका जन्‍मदिन खास हो सकता है. तो आइये जानते हैं कैसे चार बार की मुख्‍यमंत्री मायावती ने अपना वजूद खो दिया. साथ ही लोकसभा चुनाव में क्‍या रणनीति अपना सकती हैं. 

लोकसभा चुनाव से पहले कर सकती हैं अहम फैसले 
बसपा सुप्रीमो अपने जन्‍मदिन के मौके पर मायावती बीएसपी की ब्लू बुक 'एक पुस्तक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा' भाग 19 का विमोचन करेंगी. इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण का भी विमोचन किया जाएगा. साथ ही मायावती 'बहनजी' ऐप भी लॉन्‍च करेंगी. इस ऐप के जरिए वह यूपी के सभी 75 जिलों के अध्‍यक्ष से बातचीत भी करेंगी. माना जा रहा है कि भाजपा ने जिस तरह नमो ऐप लॉन्‍च कर अपना वजूद कायम किया है, उसी तरह मायावती 'बहनजी' ऐप लॉन्‍च कर यूपी में खो चुकी अपना वजूद वापस लाना चाहती हैं. जिसका फायदा उन्‍हें आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सके. 

नोएडा में जन्‍म हुआ 
मूलरूप से ग्रेटर नोएडा की रहने वाली बहन मायावती का जन्‍म 15 जनवरी 1956 को हुआ था. मायावती के पिता का नाम प्रभु दास था, जो गौतमबुद्ध नगर में ही डाक विभाग में काम करते थे. मायावती ने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज से कला से स्‍नातक की उपाधि प्राप्‍त की है. इसके बाद वह दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से विधि की परीक्षा और वीएमएलजी कॉलेज गाजियाबाद से शिक्षा स्‍नातक की उपाधि प्राप्‍त की. 

यहां से पढ़ाई की 
इसके बाद मायावती ने दिल्‍ली के जेजे कॉलोनी में एक स्‍कूल में बच्‍चों को पढ़ाया. इस दौरान उन्‍होंने UPSC की तैयारी भी की. वह आईएएस बनना चाह रही थी. इसके बाद साल 1977 में दलित नेता कांशीराम से मिलने के बाद राजनीति में कदम रखने का फैसला किया. वह साल 2006 में बसपा की अध्‍यक्ष भी रहीं.   

चार बार मुख्‍यमंत्री रहीं 
वह यूपी की चार बार मुख्‍यमंत्री रहीं. साथ ही देश की पहली दलित महिला मुख्‍यमंत्री बनीं. भाजपा के समर्थन के साथ वह मुख्‍यमंत्री रहने के बाद साल 2007 से लेकर 2012 तक अपने दम पर बहुमत पाया. मायावती पहली ऐसी महिला नेता हैं, जिन्‍होंने साल 2007 में यूपी में 212 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत दिलाया. 

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