इस शौचालय को बनाने में महज 1 हजार रुपये की लागत ही आई
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सीतापुर (राजकुमार दीक्षित): यूपी के सीतापुर में स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीणों ने मजदूरी कर के गांव में करीब सौ शौचालय बना डाले हैं. इसकी सबसे खास बात ये है कि गांव में बने सभी शौचालय ऐसे हैं कि सब हैरान रह गए. ग्रामीणों ने ये शौचालय गन्ने की पत्तियों और फूस के छप्पर से तैयार कर डाले हैं. ऐसा कर सीतापुर के ग्रामीणों ने एक मिसाल कायम की है. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने इस काम को ग्राम प्रधान की पहल के बाद अंजाम दिया. यही नहीं, ग्रामीणों ने इस काम के लिए कोई सरकारी मदद भी नहीं ली. ग्रामीणों के इस काम की तारीफ जिले के मुख्य विकास अधिकारी भी कर रहे हैं.
भिठौली गांव ने किया कारनामा
जानकारी के मुताबिक यह मामला सीतापुर मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर पर स्थित कसमंडा ब्लॉक का भिठौली गांव का है. इस गांव में कोई बहू-बेटी अब खुले में शौच नहीं जाती. यहां के जागरुक ग्रामीणों ने भिठौली गांव में मेहनत मजदूरी की अपनी कमाई से पूरे गांव में 100 शौचालयों का निर्माण कर डाला है.
खास है गांवों में बना ये टॉयलेट
ग्रामीणों के शौचालयों की खास बात यह है कि ग्रामीणों के शौचालय की दीवारें व छत पक्की नहीं बल्कि गन्ने की पाती और घास-फूस के छप्पर से तैयार किया गया है. इस शौचालय में गेट भी छप्पर के फूस से बनाया गया है. वही शौचालय निर्माण में गड्डा खोदकर टैंक व पक्की सीट लगाई गई है.
अब खुले में शौच नहीं जातीं गांव की महिलाएं
ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों का कहना है कि शौचालय बनाने का मकसद ये है कि हम लोग खुले में शौच न जाएं. वहीं गांव की जागरुक महिलाओं का मानना है कि इससे हमारी सुरक्षा भी बनी रहती है और हमें खुले में शौच भी नहीं जाना पड़ता.
1 हजार रुपये में बन जाता है टॉयलेट
बताया जा रहा है कि इस शौचालय को बनाने में महज 1 हजार रुपये की लागत ही आई. ग्रामीणों की इस जागरूकता को इलाके के लोग सराह रहे हैं. भिठौली गांव सीतापुर जिले का पहला ऐसा गांव है जहां ग्रामीणों ने अपनी मेहनत की कमाई से शौचालय का निर्माण किया है.
सीडीओ ने भी की इस काम की तारीफ
जब इस बारे में जिले के मुख्य विकास अधिकारी देव कृष्ण कांत तिवारी से बात की गई तो उन्होंने जी मीडिया से कहा, "वहां के प्रधान ने अपनी सक्रियता से लोगों को प्रेरित कर शौचालयों का निर्माण कराया है. यह अच्छी बात है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो मिशन के रूप में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है इस क्रम में वहां अच्छी पहल हुई है और अच्छा काम हुआ है. बेसलाइन सर्वे में वह गांव शौचालय निर्माण में छूटा हुआ है. आगे जो भी कार्रवाई ग्राम पंचायत के द्वारा की जा रही है उनके स्वयं पहल से की जा रही है. उसके लिए हम और लोगों को प्रेरित करेंगे जिससे और भी लोग इस तरीके के कार्य करें. बहुत ही अच्छी पहल है, प्रशंसनीय है. इस तरह की पहल होती रहनी चाहिए."