बागपत: जिस गांव में शौचालय नहीं, वहां नहीं ब्याहेंगे ​बेटियां- पंचायत का फैसला
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बागपत: जिस गांव में शौचालय नहीं, वहां नहीं ब्याहेंगे ​बेटियां- पंचायत का फैसला

पंचायत के संचालक रहे तेजपाल सिंह तोमर का कहना है कि सरकार भी देश को खुले में शौच से मुक्त करना चाहती है इसलिए समाज को मिलकर स्वच्छ भारत मिशन की ओर कदम बढ़ाना होगा. 

बागपत: जिस गांव में शौचालय नहीं, वहां नहीं ब्याहेंगे ​बेटियां- पंचायत का फैसला

बागपत: यूपी में बागपत जिले के बिजवाड़ा गांव की पंचायत ने 'जिस गांव में शौचालय नहीं, वहां बेटियों का ब्याह नहीं करने' का ऐतिहासिक फैसला किया है. बिजवाड़ा के ग्राम प्रधान अरविंद ने पंचायत के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, 'शौचालय महिलाओं की सबसे बड़ी जरूरत है. यदि कहीं शौचालय नहीं है तो महिलाओं को अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है. खुले में शौच जाना कई बार उनकी जान तक लील लेता है.' 

उन्होंने कहा, ''आए दिन हो रही घटनाओं को देखते हुए कल गांव वालों ने पंचायत बुलायी, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिस गांव में शौचालय नहीं है, वहां बेटियों की शादी नहीं करेंगे और वहां की बेटियों की शादी अपने यहां नहीं करेंगे.  नियम विरुद्ध जाने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.'' 

अरविंद ने कहा कि समाज को ध्यान देना होगा कि वह अपनी बहू-बेटियों को शौचालय जरूर दे. यदि किसी के पास आर्थिक तंगी है तो वह सरकारी स्तर पर मदद पाकर शौचालय बनवा सकता है. 

पंचायत के संचालक रहे तेजपाल सिंह तोमर का कहना है कि सरकार भी देश को खुले में शौच से मुक्त करना चाहती है इसलिए समाज को मिलकर स्वच्छ भारत मिशन की ओर कदम बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि बहू-बेटियों को खुले में शौच के लिए भेजना बेहद शर्मनाक बात है. इसे समाप्त करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. 

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