सुभासपा के महासचिव हैं अरविंद राजभर, हमले में बाल-बाल बचे, पुलिस ने किया हमले से इनकार
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर के ऊपर बलिया में जानलेवा हमला हुआ है. हमला मंगलवार (3 अप्रैल) की शाम को रसड़ा कोतवाली के पश्चिमी रेलवे गेट के पास गडि़या गांव में हुआ. सुभासपा के महासचिव अरविंद राजभर पर हमला दो मोटरसाइकिल पर सवार चार हमलावरों ने किया. हमला करने के बाद चारों हमलावर फरार हो गए. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. साथ ही हमलावरों की तलाश में भी जुट गई है. बताया जा रहा है कि चारों हमलावर नशे में धुत थे. हालांकि हमले में अरविंद राजभर हमले में बाल-बाल बचे. हालांकि पुलिस ने हमले की बात से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि वाहनों को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें हाथापाई हुई. पुलिस का कहना है कि अगर अरविंद राजभर एफआईआर दर्ज कराते हैं तो तथाकथित हमलावरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
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अरविंद राजभर ने दी जानकारी
अरविंद राजभर के अनुसार वह मऊ जनपद के कसाहरा में दोपहर एक बजे एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे. इसके बाद वह वहां से चार बजे सीधे ऑफिस के लिए निकले थे. रसड़ा कोतवाली के पश्चिमी रेलवे गेट के पास दो मोटरसाइकिलों में चार लोग उनकी कार के आगे आ गए. इसके बाद उनकी गाड़ी के बोनट पर हाथ मारना शुरू किया और गालीगलौज करने लगे. अरविंद के साथियों ने कार से उतरकर संदिग्ध हमलावरों को हटाना शुरू किया. लेकिन वह हटे नहीं और इसी बीच इनमें हाथापाई हो गई. उनकी कार में भी तोड़फोड़ की. अरविंद राजभर इस दौरान तुरंत अपनी कार में बैठे और वहां से निकल गए. अरविंद के मुताबिक दो साल पहले बलिया जिले के गझियापुर गांव में भी उनके ऊपर हमला हो चुका है. बांसडीह में भी उनके ऊपर दो बार हमले हो चुके हैं. इसी के चलते उन्होंने पुलिस से गनर भी लिए थे.
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ओपी राजभर ने दिखाई थी नाराजगी
बता दें कि पिछले दिनों सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर बीजेपी से नाराज चल रहे थे. यूपी में सुभासपा बीजेपी का घटक दल है. उन्हें मुलाकात के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली भी बुलाया था. उन्होंने कहा था कि अगर उनकी बातचीत अमित शाह से नहीं होती है तो वह आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करेंगे. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली वर्षगांठ के जश्न में भी राजभर ने शिरकत नहीं की थी और कहा था कि मथुरा और काशी से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा.