शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हमने राम मंदिर के लिए संसद में अध्यादेश लाने की सूचना सरकार को दी है. सरकार की तरफ से कानून बनना चाहिए और कानून के तहत राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.
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नई दिल्ली: राम मंदिर को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद तोड़ दी थी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक बीजेपी की सरकार है. राज्यसभा में भी कई ऐसे सांसद हैं तो राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. जो सांसद इसका विरोध करेंगे उनका देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा.
संजय राउत ने कहा कि पीएम मोदी चाहें तो कुछ भी हो सकता है. वो चाहें तो राम मंदिर जरूर बनेगा. गुरुवार तक अफवाहें फैलाई जा रही थी कि क्या उद्धव जी का आगमन होगा की नहीं. मैं बता देना चाहता हूं कि शनिवार दोपहर 2 बजे उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच रहे हैं. सभी लोगों ने उनकी अयोध्या यात्रा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारा इस भूमि से बहुत ही भावनात्मक रूप से नाता जुड़ गया है जो हम कायम रखना चाहते हैं. इसी भावना को कायम रखने के लिए उद्धव ठाकरे अयोध्या आ रहे हैं.
संजय राउत ने कहा कि हमने कभी किसी रैली के लिए कोई परमिशन नहीं मांगी है. उनके आने से राम मंदिर निर्माण को गति मिलेगी. अब दबाव में आकर राम मंदिर का निर्माण कराना पड़ेगा. अगर नोटबंदी हो सकता है तो राम मंदिर बनने में क्या हर्ज है?
उन्होंने कहा कि हमने संसद में इसके लिए अध्यादेश लाने की सूचना सरकार को दी है. सरकार की तरफ से कानून बनना चाहिए और कानून के तहत राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. संजय राउत ने कहा कि अगर बहुमत के बाद भी राम मंदिर नहीं बन पाया और 2019 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का नारा फिर से लगाकर चुनाव में उतरे, ये उद्धव ठाकरे को मंजूर नहीं है. इसलिए, उन्होंने नारा बनाया है, 'पहले मंदिर फिर सरकार'.
इस बीच शिवसेना ने शुक्रवार को बीजेपी से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने के लिए कहा. बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा, "सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने राम जन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया. शिवसेना ने कहा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है.
बता दें, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे. संपादकीय में लिखा है, "हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं." शिवसेना ने दावा किया कि उसने "चलो अयोध्या" का नारा नहीं दिया है. उसने कहा, "अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है. शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं."
संपादकीय में ये भी कहा गया है, "अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है. 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था. फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं. अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए."
संपादकीय में कहा गया है कि "आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी."