ताजमहल संरक्षण मामले में 15 नंवबर तक विजन डॉक्यूमेंट दायर करे यूपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट
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ताजमहल संरक्षण मामले में 15 नंवबर तक विजन डॉक्यूमेंट दायर करे यूपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह संभव नहीं है कि पूरे आगरा को हेरिटेज शहर घोषित किया जा सके. लेकिन आगरा में तीन धरोहरों को संरक्षित करने के लिए यहां के कुछ क्षेत्र को हेरिटेक घोषित किया जा सकता है.

ताजमहल संरक्षण मामले में 15 नंवबर तक विजन डॉक्यूमेंट दायर करे यूपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: ताजमहल संरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को विजन डॉक्यूमेंट दायर करने की समय सीमा बढ़ा दी है. कोर्ट ने 15 नवंबर तक विज़न डॉक्युमेंट दायर करने को कहा है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह संभव नहीं है कि पूरे आगरा को हेरिटेज शहर घोषित किया जा सके. लेकिन आगरा में तीन धरोहरों को संरक्षित करने के लिए यहां के कुछ क्षेत्र को हेरिटेक घोषित किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी पक्षों से विशेषज्ञ कमिटी को सुझाव देने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि कमिटी ताज के पास के उद्योग, हरित क्षेत्र, यमुना के प्रदूषण समेत सभी पहलुओं पर गौर कर रिपोर्ट तैयार करे. दरअसल, इस कमिटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था. दिल्ली स्कूल ऑफ प्लानिंग की प्रो. मीनाक्षी दोहते के नेतृत्व वाली एक्सपर्ट कमिटी ने कोर्ट को बताया था कि ताज क्षेत्र में जितने उद्योग की जानकारी यूपी सरकार ने दी है, संख्या उससे अलग है. कोर्ट ने कहा था कि जब संख्या गलत है तो सरकार का विज़न डॉक्यूमेंट कैसा होगा, ये समझा जा सकता है.

इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया था कि पर्यावरण मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी केंद्र सरकार की तरफ से और ताज ट्रेपेजियम ज़ोन के अध्यक्ष यानी आगरा मंडल के कमिश्नर यूपी सरकार की तरफ से ताज संरक्षण के जवाबदेह अधिकारी होंगे. कोर्ट ने सुझाव को मंज़ूर करते हुए कहा था कि अब आगे से ये दोनों अधिकारी ही हलफनामा दाखिल करेंगे.सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एमसी मेहता ने ताज ट्रेपेजियम ज़ोन के पुर्नगठन की मांग उठाई थी और कहा था कि भुरेलाल कमेटी के जैसा ही एक कमेटी का गठन होना चाहिए जो ताज के देखभाल का काम देखे.जिसपरकोर्ट ने याचिकाकर्ता को तीन हफ़्ते में लिखित में सुझाव देने को कहा था.

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आपको बता दें कि 24 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने ताजमहल संरक्षण के लिए बन रहे विजन डॉक्यूमेंट का शुरुआती ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था. ड्राफ्ट विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया था कि ताजमहल के आसपास के पूरे इलाके को 'नो प्लास्टिक जोन' घोषित किया जाए,वहांबोतलबंद पानी पर प्रतिबंध लगाया जाए. विजन डॉक्यूमेंट में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री पर बैन लगाने की भी बात की गई है. साथ ही यूपी सरकार ने कहा था कि ताजमहल के प्रदूषणकारी उद्योग हटेंगे और यमुना रिवरफ्रंट के साथ पदयात्रियों के लिए सड़क बनेगी,इससे यातायात घटेगा.

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