नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान किसी दिन भी हो सकता है. चुनाव से पहले देश की राजधान में अफवाह गैंग एक्टिव है. लेकिन पहले आपको दिल्ली का स्कोर कार्ड दिखाते हैं. जिसमें भारतीय जनता पार्टी को 2-1 से बढ़त हासिल है.
क्या कहता है दिल्ली का सियासी स्कोर कार्ड?
विधान सभा चुनाव 2015
साल 2015 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए विधानसभा के चुनावी नतीजे आए तो अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीतकर सरकार बनाई. उस वक्त भारतीय जनता पार्टी की झोली में सिर्फ 3 सीटें और कांग्रेस को शून्य नसीब हुआ था. वोट शेयर में भी केजरीवाल ने बाजी मारी थी.
BJP- 3 सीट, 32.19% वोट
AAP- 67 सीट, 54.34% वोट
CONG- 0 सीट, 9.65% वोट
दिल्ली नगर निगम चुनाव 2017
साल 2017 में हुए दिल्ली नगर निगम के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के खाते में सबसे ज्यादा 36.08 फीसदी वोट गए थे. जबकि AAP को 26.23 और कांग्रेस को 21.09 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा था.
BJP- 36.08% वोट
AAP- 26.23% वोट
CONG- 21.09% वोट
दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019
बीते साल 2019 में देश के सबसे बड़े सियासी सिंहासन के लिए महामुकाबला हुआ था. इसमें भाजपा को सभी 7 लोकसभा सीटें हासिल हुई थी. इतना ही नहीं भाजपा ने वोट फीसदी के मामले में भी क्लीन स्वीप किया था. आंकड़ों को देखिए-
BJP- 7 सीट, 56.86% वोट
AAP- 0 सीट, 18.2% वोट
CONG- 0 सीट, 22.63% वोट
दिल्ली में दंगे के लिए कांग्रेस-AAP का गठबंधन?
नागरिकता कानून पर पिछले महीने दिल्ली में हुई हिंसा के लिए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीधे-सीधे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहरा दिया है. प्रकाश जावड़ेकर ने बतौर सबूत AAP और कांग्रेस के नेताओं के नाम भी गिनाए.
पिछले महीने जो नागरिकता कानून पास हुआ उस लेकर दिल्ली के जामिया इलाके और सीलमपुर में हिंसा हुई थी. दिल्ली में अगले एक से डेढ़ महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में आपको कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच के पुराने समीकरण को जरूर समझना चाहिए.
दिल्ली का सियासी समीकरण
- 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी
- 31 सीट मिलने के बावजूद बीजेपी बहुमत से 4 सीट दूर थी
- पहली बार चुनाव लड़ी AAP को 28 सीटों पर जीत मिली थी
- 8 सीट जीतकर कांग्रेस तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी
- नतीजों के बाद AAP ने कांग्रेस से गठबंधन कर सरकार बनाई
- अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने
- कांग्रेस के साथ खींचतान की वजह से 49 दिन में केजरीवाल ने इस्तीफा दिया
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दिल्ली की बागडोर संभालने के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है. ऐसे में भाजपा ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली की सियासत में कौन कितना दमदार है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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