'Agnipath' पर तांडव: ट्रेन जलाने से सिर्फ दो दिनों में देश को हुआ इतने करोड़ रुपये का नुकसान

युवाओं को सेना में भर्ती वाली अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश में तांडव मचा हुआ है, देश के हर कोने से बवाल और हंगामें की तस्वीरें आ रही हैं. इन सबके बीच सबसे ज्यादा निशाना ट्रेनों को बनाया जा रहा है. ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रदर्शन के नाम पर ट्रेनों को आग के हवाले किया जा रहा है.

Written by - Vikas Mani Tiwari | Last Updated : Jun 17, 2022, 07:00 PM IST
  • प्रदर्शनों के नाम पर देश को लगा करोड़ों का चूना
  • ट्रेनों को जलाने से होता है इतना आर्थिक नुकसान
'Agnipath' पर तांडव: ट्रेन जलाने से सिर्फ दो दिनों में देश को हुआ इतने करोड़ रुपये का नुकसान

नई दिल्ली: युवाओं को सेना में भर्ती वाली अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश में तांडव मचा हुआ है, देश के हर कोने से बवाल और हंगामें की तस्वीरें आ रही हैं. इन सबके बीच सबसे ज्यादा निशाना ट्रेनों को बनाया जा रहा है. ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रदर्शन के नाम पर ट्रेनों को आग के हवाले किया जा रहा है. चाहे छोटा हो या बड़ा, हर विरोध प्रदर्शन में ट्रेनें सबसे आसान टारगेट होती हैं, आपा खोकर प्रदर्शनकारी सबसे ज्यादा ट्रेनों को ही निशाना बनाते हैं.

क्या आप जानते हैं कि ट्रेनों को निशाना बनाने से सरकार और देश को कितना नुकसान होता, एक ट्रेन, इंजन और डिब्बा बनाने में कितना खर्च आता है. प्रदर्शनकारियों के लिए जिनता आसान टारगेट होता है ट्रेनों को जलाना उतना ही बड़ा देश को आर्थिक नुकसान होता है.

ट्रेनों को जलाने से होता है इतना आर्थिक नुकसान

देश की लाइफलाइन को ड्राइव करने वाला इंजन ट्रेन का सबसे महंगा हिस्सा होता है. एक अनुमान के अनुसार, ट्रेन का मात्र एक इंजन जलाने से देश को करीब 20 करोड़ का नुकसान होता है. दूसरे कम क्षमता वाले रेल इंजन की कीमत 15 से 18 करोड़ रुपए होती है,जो उनकी क्षमता पर निर्भर करता है.

प्रदर्शनकारियों के निशाने पर सबसे ज्यादा ट्रेन की बोगियां होती है, पूरे देश से आ रही जलती बोगियों की तस्वीरें इसकी गवाह हैं. अलग-अलग कोच की अलग-अलग कीमत होती है. एसी, स्लीपर और जनरल, ट्रेनों में हर तरह की बोगियां होती हैं, जहां एसी कोच की कीमत 2.5 करोड़ रुपए तक होती है वहीं स्लीपर कोच की 1.5 करोड़ और जनरल कोच की 1 करोड़ कीमत होती है, वहीं जब हम एडवांस ट्रेनों की बात करते हैं तो उनकी लागत और बढ़ जाती है, वंदेभारत, स्वर्ण शताब्दी इनके कोच की कीमतें दूसरी ट्रेनों से ज्यादा होती हैं.

प्रदर्शनों के नाम पर देश को लगा करोड़ों का चूना

कोच और इंजन की लागत के हिसाब से एक एक्सप्रेस ट्रेन की कीमत 70 से 100 करोड़ रुपए के बीच होती है वहीं जनरल ट्रेनों की कीमत 40-60 करोड़ तक होती है. वंदेभारत जैसी एडवांस ट्रेनों को बनाने में करीब 110 करोड़ रुपए का खर्च आता है.

इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छोटी-छोटी बातों पर हंगामा करने वाले प्रदर्शनकारी कितनी आसानी से पल भर में देश को करोड़ो का चूना लगा देते हैं, अग्निपथ को लेकर मचे तांडव में अकेले बिहार में 15 से ज्यादा ट्रेनों को प्रदर्शनकारी निशाना बना चुके हैं.

यह भी पढ़िए: 'परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं युवा', 'अग्निपथ योजना' पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सलाह

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़