जनरल बिपिन रावत के नाम से जानी जाएगी चीन सीमा की ये चौकी, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

एक रणनीतिक स्थान किबिथू में अपने कार्यकाल के दौरान, जनरल रावत ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद 5/11 गोरखा राइफल्स को दिए गए बैटल ऑनर बोगरा की याद में पास की एक विशेषता को 'बोगरा' नाम दिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 10, 2022, 08:39 PM IST
  • जनरल रावत संभाल चुके थे इस चौकी की कमान
  • राज्यपाल ने किया चौकी का नामकरण
जनरल बिपिन रावत के नाम से जानी जाएगी चीन सीमा की ये चौकी, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) दिवंगत जनरल बिपिन रावत के नाम पर अब चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब एक सैन्य चौकी होगी. इसका नाम दिवंगत जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा गया है.

जनरल रावत संभाल चुके थे इस चौकी की कमान

शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में भारतीय सेना के गैरिसन को औपचारिक रूप से जनरल बिपिन रावत मिलिट्री गैरिसन नाम दिया गया. जनरल रावत (तब एक कर्नल) ने 1999-2000 में इस गैरीसन में 5/11 गोरखा राइफल्स की एक इकाई की कमान संभाली थी.

भारत में कुछ सैन्य स्टेशन लोगों के नाम पर हैं. आईएनएस नेताजी सुभाष (कोलकाता में भारतीय नौसेना का मुख्यालय) शायद पहला था. दूसरा पश्चिम बंगाल में पानागढ़ में वायु सेना स्टेशन अर्जन सिंह था. अब, जनरल बिपिन रावत के नाम पर भारतीय सेना की गैरीसन है.

राज्यपाल ने किया नामकरण

एक रणनीतिक स्थान किबिथू में अपने कार्यकाल के दौरान, जनरल रावत ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद 5/11 गोरखा राइफल्स को दिए गए बैटल ऑनर बोगरा की याद में पास की एक विशेषता को 'बोगरा' नाम दिया.

अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा ने शनिवार को सैन्य स्टेशन को औपचारिक रूप से जनरल बिपिन रावत सैन्य गैरीसन के रूप में नामित किया. इस मौके पर जनरल रावत की बेटी भी मौजूद थीं. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने वालोंग से किबिथू तक 22 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम जनरल बिपिन रावत मार्ग भी रखा.

दिसंबर 2021 में हो गया था निधन

भारतीय सेना के अनुसार दिसंबर 2021 में एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए जनरल को यह एक उचित श्रद्धांजलि थी. एक अधिकारी ने बताया कि जनरल रावत ने इलाके की सुरक्षा को मजबूत करने में अहम योगदान दिया. उन्होंने जो ढांचागत विकास और सामाजिक विकास किया, उससे स्थानीय लोगों को भी बहुत फायदा हुआ. 

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