जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर SC का बड़ा आदेश! पढ़ें: फैसले की 8 बड़ी बातें

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में पाबंदियों के आदेश की समीक्षा के लिए कमेटी बनेगी. और ये कमेटी वक्त वक्त पर पाबंदियों की समीक्षा करेगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 10, 2020, 03:05 PM IST
    1. जम्मू-कश्मीर पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
    2. 'J&K में पाबंदियों के आदेश की समीक्षा के लिए कमेटी बनेगी'
    3. खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सर्वोच्च अदालत ने सुनाया फैसला
    4. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने फैसले का किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर SC का बड़ा आदेश! पढ़ें: फैसले की 8 बड़ी बातें

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर पहले से घिरी सरकार अब जम्मू कश्मीर पर भी चुनौतियों का सामना करेगी. दरअसल देश की सर्वोच्च अदालत ने जम्मू कश्मीर में पाबंदियों के आदेश की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के अनुसार सरकार को  जम्मू-कश्मीर पर लगे प्रतिबंधात्मक आदेशों की समीक्षा करनी होगी. आपको बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बातें क्या हैं.

सर्वोच्च अदालत की 8 बड़ी बातें

1. इंटरनेट मौलिक अधिकार, जहां जरूरत वहां बहाल हो
2. इंटरनेट बंद करना न्यायिक समीक्षा के दायरे में है
3. J&K में सभी पाबंदियों पर 1 हफ्ते में समीक्षा की जाए
4. इंटरनेट पर पाबंदी अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकती
5. आज़ादी और सुरक्षा में संतुलन जरूरी है
6. नागरिकों की बुनियादी स्वतंत्रता में मनमानी ना हो
7. ई-बैंकिंग, सरकारी वेबसाइट पर प्रतिबंध की समीक्षा हो
8. सरकार J&K में पाबंदी से जुड़े फैसले सावर्जनिक करे

कोर्ट ने अनुच्छेद 19 का किया जिक्र

जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है. स्कूल दफ्तर खुले हुए हैं. अधिकतर पाबंदियां हट चुकी है. लेकिन कुछ जगहों पर इंटरनेट पर पाबंदियां जारी है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'जम्‍मू कश्‍मीर में पाबंदियों के आदेश की समीक्षा के लिए कमेटी बनेगी. ये कमेटी वक्त वक्त पर पाबंदी की समीक्षा करेगी. साथ ही कोर्ट ने कहा कि  सरकार पाबंदियों पर आदेश जारी करके इनकी जानकारी दे. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 19 में लोगों को इंटरनेट की आजादी का हक है.

सात दिनों में करनी होगी समीक्षा 

सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद राज्य में आवश्यक प्रतिबंध लगाए गये थे. इन प्रतिबंधों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से इनके औचित्य पर स्पष्टीकरण माँगा है और इन पाबंदियों की समीक्षा के लिए सरकार को सात दिनों का समय दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बैंकिंग, अस्पताल, शिक्षण संस्थानों समेत सभी जरूरी सेवाएं देने वाले संस्थानों में इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस नेता गुला नबी आजाद ने स्वागत किया है. वहीं भाजपा के संबित पात्रा ने कहा कि कश्मीर में एक गोली भी चलाने की नौबत नहीं आई.

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कोर्ट ने साफ कहा कि इंटरनेट को सरकार अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकती. कोर्ट ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अभिव्यक्ति के अधिकार का हिस्सा माना है. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 144 का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को इसका इस्तेमाल सोच-विचार कर ही करना चाहिए.

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