नई दिल्ली. एक तरफ तो ईरानी सैन्य कमांडर सुलेमानी की हत्या के बाद अमरीका और ईरान के बीच जंगी तनातनी का माहौल बना हुआ है तो दूसरी तरफ अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं लगते. अब उनका बयान आया है कि हम अमेरिका के दुश्मनों को माफ़ नहीं करेंगे और इस्लामिक आतंकवाद को साफ़ करके रहेंगे. हैरानी की बात ये है कि इससे पहले ट्रम्प ने राष्ट्र के नाम दिए अपने सन्देश में अपनी तरफ से ईरान के खिलाफ किसी भी बड़ी सैन्य कार्रवाई न करने की बात कही थी.
''हम इस्लामिक आतंकवाद पर एक्शन जारी रखेंगे''
ईरान के बहाने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दुनिया में फ़ैल रहे इस्लामिक आतंकवाद को चेतावनी दे दी है. उन्होंने अपने शत्रु राष्ट्र ईरान को इस्लामिक आतंकवाद समर्थक देश के रूप में पेश किया और अपने बयान में ईरान को खुली चुनौती दे डाली है. लेकिन ट्रम्प ने अपने वक्तव्य में अमरीकी हितों को सबसे ऊपर रखते हुए कहा कि हम अमेरिका के दुश्मनों को माफ नहीं करेंगे और इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी.
ओहायो में पार्टी की रैली को सम्बोधित करते हुए दिया बयान
कल शुक्रवार को अमरीका के ओहियो शहर में अपनी पार्टी की रैली में भाषण देते हुए अमरीकी राष्ट्रपति ने अपने इरादे साफ़ कर दिए. उन्होंने कहा कि अमरीका के दुश्मनों और इस्लामिक आतंकवाद के विरुद्ध उनकी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
अमरीकी संसद ट्रम्प के जंगी इरादों के खिलाफ
अमेरिका और ईरान के बीच जंग रोकने की दिशा में अमरीकी संसद ने बड़ा कदम उठाया है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐसा कुछ भी करने से रोकने के लिए संसद ने प्रस्ताव पारित कर दिया है जिसके बाद अब डोनाल्ड ट्रंप की ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई आसान नहीं होगी.
युद्ध शक्ति प्रस्ताव ने ट्रम्प के आक्रमण-अधिकार कम किये
अमरीकी संसद में पारित इस प्रस्ताव ने अमरीकी राष्ट्रपति के ईरान पर हमलावर इरादों की आलोचना करते हुए उनके ईरान पर आक्रमण करने के संवैधानिक अधिकार कम कर दिए गए हैं.
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