शाहीन बाग प्रदर्शन 'देशविरोधी' क्यों? पढ़ें, 'टॉर्चर' के 5 सबूत

शाहीन बाग में प्रदर्शन के नाम पर देशविरोधी गतिविधियों के सबूत बार-बार सामने आते रहे हैं. लेकिन आज यहां धारा-144 लागू हो गई है, ऐसे में आपको शाहीन बाग टॉर्चर के 5 बड़े सबूत दिखाते हैं.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Mar 1, 2020, 09:20 PM IST
    1. शाहीन बाग की सड़क पर 'मनमर्जी' अब खत्म?
    2. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी मानेंगे पुलिस की अपील?
    3. शाहीन बाग में धारा 144 से ख़त्म होगा धरना?
    4. जाफराबाद के बाद अब शाहीन बाग को जलाने की साजिश?
    5. दिल्ली में हिंसा की आग के पीछे 'आतंकी' साजिश?
शाहीन बाग प्रदर्शन 'देशविरोधी' क्यों? पढ़ें, 'टॉर्चर' के 5 सबूत

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. 77 दिन से शाहीन बाग के प्रदर्शन के चलते दिल्लीवालों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इस बीच शाहीन बाग में धारा-144 लागू कर दी गई है. आपको तफ्सील से समझाते हैं कि शाहीन बाग प्रदर्शन कैसे देशविरोधी है. ये एक तरह का 'टॉर्चर' है.

शाहीन बाग प्रदर्शन 'देशविरोधी' क्यों?

1- मुख्य आयोजक शरजील ने देश तोड़ने की बात कही
2- शाहीन बाग के मंच से भड़काऊ बयानबाजी की गई
3- प्रदर्शन में छोटे-छोटे बच्चों से भड़काऊ बयान दिलाये गये
4- आम लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाले रास्ते को रोका गया
5- सच दिखाने वाले पत्रकारों के साथ मारपीट की गई

शाहीन बाग में प्रदर्शन के नाम पर देशविरोधी गतिविधि का एक बड़ा हिस्सा है. लेकिन यहां आपको शाहीन बाग का 'टॉर्चर' को भी समझना चाहिए. आपको कुछ सवाल और उसके जवाब के माध्यम से शाहीन बाग का टॉर्चर समझाते हैं.

सवाल: कितने दिन से प्रदर्शन?
जवाब: 77 दिन
सवाल: प्रदर्शन का मकसद?
जवाब: CAA, NRC, NPR का विरोध
सवाल: प्रदर्शनकारियों की मांग?
जवाब: नागरिकता क़ानून वापस ले सरकार
सवाल: प्रदर्शनकारी कहां बैठे हैं?
जवाब: शाहीन बाग की सड़क पर
सवाल: प्रदर्शन से क्या परेशानी?
जवाब: दिल्ली-नोएडा के रास्तों पर जाम
सवाल: प्रदर्शन से जाम की वजह?
जवाब: कालिंदी कुंज से नोएडा का रास्ता बंद और नोएडा से फरीदाबाद का रास्ता बंद

शाहीन बाग प्रदर्शन से कितना नुकसान?

कालिंदी कुंज बॉर्डर से रोजाना 1800 ट्रक गुजरते थे. ट्रकों से एक दिन में 1.70 करोड़ रूपये टोल कलेक्शन होता था. 77 दिन  से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग़ का रास्ता बंद है.  टोल कलेक्शन में 130 करोड़ से ज्यादा का नुकसान 77 दिनों में हुआ. इतना ही नहीं जानकारी के अनुसार 77 दिनों में इलाके के व्यापारियों करीब 150 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ.

शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा था कि "हर कोई सड़क पर उतरेगा तो क्या होगा? रास्ता रोककर लोगों को परेशान करना ठीक नहीं है." सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि सार्वजनिक स्थान पर धरना प्रदर्शन गलत है, नियम के मुताबिक प्रदर्शन की जगह जंतर-मंतर है. ये जनजीवन ठप करने से जुड़ा मुद्दा है. अदालत ने लताड़ लगाते हुए ये भी कहा था कि प्रदर्शन कितना भी वाजिब हो सड़क जाम नहीं की जा सकती है. शाहीन बाग में सड़क जाम पर कई सवाल उठने लाजमी हैं, वो भी तब जब वहां धारा-144 लागू करके लोगों को प्रदर्शन खत्म करने के लिए कहा जा रहा है.

दिल्ली जाम से त्रस्त, सरकार विरोधी मस्त!

  1. शाहीन बाग की सड़क पर 'मनमर्जी' अब खत्म?
  2. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी मानेंगे पुलिस की अपील?
  3. शाहीन बाग में धारा 144 से ख़त्म होगा धरना?
  4. जाफराबाद के बाद अब शाहीन बाग को जलाने की साजिश?
  5. दिल्ली में हिंसा की आग के पीछे 'आतंकी' साजिश?

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दिल्ली के शाहीन बाग में आज दिल्ली पुलिस ने धारा 144 लगा दी है. दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों से धरना खत्म करने की अपील कर रही है. तो वहीं देश के गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने दिल्ली के दंगों के पीछे सुनियोजित साजिश का इशारा किया है. दिल्ली दंगे की जांच में शक की सुई आतंकी संगठनों की स्लीपर सेल की ओर भी घूम रही है. शुरुआती जांच में एजेंसियों को बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत मिले हैं.

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