नई दिल्ली: कोरोना से एक ओर पूरी दुनिया अब भी लड़ रही है, मौत का आंकड़ा अबभी पूरी दुनिया में लगातार बढ रहा है और अबभी दुनिया कोरोना का इलाज ढूंढने के प्रयास में दिन रात एक कर लड़ रही है. लेकिन इस बीत एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.
फिर खुल गया कोरोना पैदा करने वाला मार्केट
कोरोना जहां पनपा, जहां पैदा हुआ और जहां से पूरी दुनिया में फैला उस कोरोना को पैदा करने वाला ये मीट मार्केट फिर से शुरू हो गया है और आप इस वक्त उसी मंडी में फिर से पहले जैसे ही हालात देखे जा रहे हैं. हालात क्या हैं वो समझने के लिए कैलेंडर को 4 महीने पीछे की यादें ही काफी हैं.
31 दिसंबर 2019, चीन के वुहान का मीट मार्केट
नए साल के आगाज से पहले वुहान का यही मीट मार्केट था जहां कोरोना वायरस ने सबसे पहले अपना जानलेवा असर दिखाना शुरू किया. जिसके बाद ये वायरस का चीन के अलग-अलग शहरों से होता हुआ लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है. चीन के कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए लॉकडाउन में 70 दिन तक बंद रहने के बाद नानिंग में एक फूड स्ट्रीट फिर खुल गई.
इस जगह के तले हुए कीड़ों के अलावा सेंटिपीड्स और स्कॉर्पियन्स बेहद मशहूर हैं. यहां स्टीम्ड डंपलिंग्स, स्पाइसी क्रेशफिश, राइस केक्स और ग्रिल्ड ऑक्टोपस भी मिलते हैं.
जनवरी में बंद हुआ था शहर का ये फूड स्ट्रीट
ये फूड स्ट्रीट जनवरी के आखिरी में बंद किया गया था, जो झोंगशान रोड पर मौजूद है. लेकिन, चीन में इन्फेक्शन और कोरोना के मामलों में कमी आते हुए देखकर इसे खोलने का फैसला किया गया. आपको बता दें, शहर में पर्यटकों के लिए यह फूड स्ट्रीट आकर्षण का बड़ा केंद्र है. जानकारी के अनुसार हर दिन शाम को 6 बजे से लेकर तड़के सुबह तक ये स्ट्रीट खुली रहती है.
एक जानकारी के अनुसार लोगों की भीड़ की बात करें तो पहले यहां पहले काफी तादाद में लोग आते रहते थे. लेकिन अब अधिक से अधिक 3000 लोगों को यहां जाने की अनुमति है. ये पहले के मुकाबले 10 गुना कम है. इथना ही नहीं यहां के दुकानदारों के लिए भी नियम बनाए गए हैं. उन्हें एकसाथ नहीं बल्कि बारी-बारी से अपने स्टॉल खोलने की अनुमति है. दुकान के स्टॉल्स के बीच की दूरी करीब 2 मीटर की रखनी जरूरी है. इसके अलावा पहले ये साबित करना भी आवश्यक है कि उन्हें कोरोना संक्रमण नहीं है. साथ ही मास्क पहनना भी अनिवार्य है.
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अर्थव्यवस्था के लिहाज से समझेंगे तो चीन के लिए ये मीट मार्केट खुलाना जररूत से ज्यादा मजबूरी क नाम है, लेकिन पूरी में कोरोना से लड़ते औऱ मरते लोगों को आंकड़ें देखेंगे औऱ कितनी आसानी से कोरोना का संक्रमण यहां से फिर बेकाबू होकर पूरी दुनिया में फैल सकता है वो देखते हुए इस मार्केट को फिलहाल तो बंद रखने में ही समझदारी थी.
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