ट्रम्प का चीन पर आरोप, मुझे हराने के लिये किया कोरोना का इस्तेमाल

डोनाल्ड ट्रम्प अमरीकी राष्ट्रपति दुबारा बन सकें या न बन सकें, लेकिन इस आरोप से ये तो जाहिर है कि उनको बाजी अपने हाथ से दोनी ही बाजियां जाती नजर आ रही हैं - अमेरिका में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की और इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में अपनी जीत की..भी  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 1, 2020, 12:56 AM IST
    • ट्रम्प ने कहा कि चीन नहीं चाहता कि मैं दुबारा राष्ट्रपति बनूं
    • चीन पर आरोप लगाया कि हराने के लिये किया कोरोना का इस्तेमाल
    • चीन पर ट्रम्प ने दिया आक्रामक बयान
    • ''चीन को लेकर कई विकल्प मौजूद हैं''
ट्रम्प का चीन पर आरोप, मुझे हराने के लिये किया कोरोना का इस्तेमाल

नई दिल्ली. ये आरोप ज़ाहिर ही है कि निराधार है. चीन के लिये ट्रम्प का जीतना या हारना उतना अहम नहीं है जितना अमेरिका की हालत खराब कर उसकी इकानॉमी पर कब्जा जमाना है. मामला उतना सीधा नहीं है जितना ट्रम्प समझ रहे हैं. चीन ने अमेरिका के खिलाफ जैविक और आर्थिक दोनो ही स्तरों पर महायुद्ध प्रारंभ कर दिया है.   

 

ट्रम्प की चिन्ता चुनावों को लेकर है

चीन के खिलाफ आक्रामक होते हुए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चीन ने मुझे चुने जाने से रोकने के लिये किया है कोरोना का इस्तेमाल. ऊपरी तौर पर तो यही लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना पर नियंत्रण करने से अधिक राष्ट्रपति चुनावों के लिये अधिक चिन्तित हैं. यह बयान उनकी हताशा को जाहिर करता है और उनके लिये दोनो मोर्चों पर नुकसानदेह सिद्ध हो सकता है. 

ट्रम्प ने दिया आक्रामक बयान

जो बयान अमरीकी राष्ट्रपति ने चीन पर आरोप लगाते हुए दिया वह चीन के लिये अमेरिका की धमकी का सीधा संकेत  भी है. डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि चीन ने जिस तरह से कोरोना वायरस संक्रमण का इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ किया है, वह सिद्ध करता है कि चीन राष्ट्रपति के रूप में मुझे फिर से चुने जाने से रोकने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है. ट्रम्प ने आगे धमकी के स्वर में कहा कि - प्रतीक्षा कीजिये हम बहुत कुछ करने वाले हैं.

''चीन को लेकर कई विकल्प मौजूद हैं''

डोनाल्ड ट्रम्प का यह संदेश चीन के लिये वार्निंग सिग्नल है. ट्रम्प ने कहा कि चीन को लेकर उनके पास कई विकल्प मौजूद हैं और आने वाले समय में अमेरिका बहुत कुछ करने वाला है. हम क्या करेंगे इसको जानने और देखने के लिये इन्तजार करना पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों की यह सख्ती बताती है कि चीन ने यदि शांतिपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं दी तो अमेरिका धैर्य खो बैठेगा.

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