नई दिल्ली: प्रकृति के प्रति बेहद संवेदनशील सत्रह वर्षीया ग्रेटा थनबर्ग अपने जीवन में भी बहुत संवेदनशील हैं. इसी मानवीय संवेदनशीलता ने उन्हें वो बनाया है जो वे आज हैं अर्थात दुनिया में ख्यातिप्राप्त पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग की संवेदनशीलता ही उनके व्यक्तित्व का सर्वोत्तम गुण है. पर यही संवेदनशीलता उन्हें आज कोरोना के प्रति कमज़ोर बना रही है. दुनिया भर में फ़ैल गए कोरोना को देख कर अब ग्रेटा को भी लगने लगा है कि उनको कोरोना संक्रमण हो गया है.
आइसोलेट किया खुद को ग्रेटा ने
ग्रेटा थनबर्ग का वक्तव्य तुरंत मीडिया की सुर्खियां बन गया जब उन्होंने कहा कि मुझे लग रहा है जैसे मैं भी कोरोना वायरस से संक्रमित हूं. अब इसके बाद ग्रेटा ने अपनेआप दुनिया से अलग कर लिया है. ग्रेटा ने खुद को दो हफ़्ते के लिए कमरे में बंद कर लिया है.
''लगता है संक्रमित हो गई हूँ''
उनके मूल वक्तव्य में जहां एक तरफ कोरोना के प्रति उनका भय दिख रहा था वहीं उनके वक्तव्य को गुजर से सुनने पर उसमें उनकी आशंका भी पुष्ट होती नज़र आ रही है. दरअसल ग्रेटा ने अपने मूल बयान में कहा था कि - हालांकि कोरोना वायरस को लेकर मेरी कोई जांच नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह के लक्षण हैं, उसको देख कर यही लग रहा है शायद मैं भी कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में आ गई हूँ.
इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिखी तो हुआ खुलासा
स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के आइसोलेशन में जाने की बात उनकी इंस्टाग्राम पर लिखी पोस्ट से दुनिया को पता चली. उन्होंने अपनी पोस्ट से ज़ाहिर किया कि इस बात मुझे बहुत आशंका नज़र आ रही है कि लगता है मुझे कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है.
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ग्रेटा ने जो पोस्ट इंस्टाग्राम पर लिखी थी उसमें बताया कि यूरोप की यात्रा से वापस आने के बाद उन्होंने और उनके पिता ने खुद को आइसोलेट कर लिया है. ग्रेटा ने इसमें आगे लिखा कि हम दोनों को लग रहा है कि हम बीमार हैं और हमको कंपकंपी के साथ-साथ गले में खराश भी हो रही है. साथ ही थोड़ी थकान भी महसूस हो रही है.
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