गुजरात में कुदरत ने ढाया कहर; 13 लोगों की मौत, दाहोद में सबसे ज्यादा तीन की गई जान
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गुजरात में कुदरत ने ढाया कहर; 13 लोगों की मौत, दाहोद में सबसे ज्यादा तीन की गई जान

Gujarat Weather: गुजरात में कई हिस्सों में  बेमौसम बारिश और आकाशीय बिजली ने 13 लोगों की जान ले ली है. वहीं इस कुदरती कहर से कई पशुओं की भी मौत हो गई है. 

 

गुजरात में  कुदरत ने ढाया कहर; 13 लोगों की मौत, दाहोद में सबसे ज्यादा तीन की गई जान

Gujarat News: गुजरात (Gujarat) में एक बार फिर कुदरत ने कहर ढाया है. गुजरात में भारी बारिश और बिजली गिरने से 13 लोगों की जान चली गई है. राज्य के दाहोद ( Dahod News ) जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन और भरूच में दो लोगों की मौत हो गई. 
 
इसके अलावा साबरकांठा, अहमदाबाद (Ahmedabad), खेड़ा, पंचमहल समेत बोटाद, मेहसाणा ( Mehsana News ), सुरेंद्रनगर और अमरेली में आकाशीय बिजली से एक-एक की मरने की खबर आई है. जबकि अमरेली जनपद में एक 16 साल के लड़के की बिजली की चपेट में आने की वजह से मौत हो गई. 

राज्य के कई जिलों से मवेशियों के ऊपर बिजली गिरने से मौत की खबर आई है. जानकारी के मुताबिक, अब तक इस कहर में  39 पशुओं की मौत हो गई है, जिसमें सबसे ज्यादा 15 जानवरों की मौत खेड़ा जिले में हुई है.

वहीं राज्य के 229 तहसीलों में सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6:30 बजे तक बारिश हुई. जबकि 65 तहसीलों में  1 -4.4 इंच तक बारिश हुई है. वहीं सबसे ज्यादा बारिश 4 इंच सुरेंद्रनगर तहसील में मापी गई है. इसी के साथ सूरत के शहरी इलाके में 3.5 इंच, राधनपुर और भाभर में 2.5 इंच दर्ज की गई है.  

ओले की वजह से सौराष्ट्र हाईवे पर गाड़ियों की लगी लंबा कतार
गुजरात के सौराष्ट्र ( Sourashtra News ) समेत उत्तरी गुजारत ( North Gujarat ) और कच्छ के अलावा लगभग पूरे प्रदेश में बेमौसम बारिश ने नुकसान पहुंचाया है. पूरे राज्य में सबसे ज्यादा सौराष्ट्र में हुई है. इसी इलाके के राजकोट नेशनल हाईवे ( Rajkot National Highway )  पर इस कदर ओले गिरे की नजारा हिमाचल और कश्मीर जैसा हो गया. 
  
सड़कों पर ओले देख राहगीरों ने गाड़ी रोक कर खूब सेल्फी ली, जिसकी वजह से सड़कों पर गाडियों की लंबी कतार लग गई. वहीं कृषि जानकारों का मानना है कि इस बेमौसम बरसात सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को पहुंचाई होगी.    

किसानों को सता रही है फसल की चिंता
गौरतलब है कि, इस साल सौराष्ट्र में आए बिपरजॉय तूफान से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. जबकि इस बेमौसम बारिश ने अमरेली ( Amreli ), धारी ( Dhari ), जूनागढ़ ( Junagarh ), सावरकुंडला ( Sawrkundla ) के ग्रामीण इलाकों में गरज-चमक के साथ अपनी झलक दिखाई है. जिसके कारण ग्रामीणों को फसलों की चिंता सता रही है.

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