Jagrat Ratna Pahanne ka Labh: ज्‍योतिष की बेहद अहम शाखा रत्‍न शास्‍त्र में 9 रत्‍न और कई उपरत्‍न बताए गए हैं, जिनका किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. इन रत्‍न-उपरत्‍न को धारण करने से संबंधित ग्रह मजबूत होता है. लेकिन इन रत्‍न-उपरत्‍नों को धारण करने का पूरा फल तब ही मिलता है जब इन्‍हें विधि-विधान से और जागृत करके पहना जाए. हमेशा विशेषज्ञ की सलाह से सही रत्‍न या उपरत्‍न का चुनाव करके और उसे जागृत करके ही पहनना चाहिए. 


हर रत्‍न की होती हैं ढेरों प्रजातियां 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रत्‍न पारदर्शी पत्‍थर होते हैं. कुछ रत्‍न अपारदर्शी भी होते हैं. ये रंग-बिरंगे और अलग-अलग रासायनिक अनुपातों से मिलकर बने होते हैं और लगातार हमारी त्‍वचा के संपर्क में रहकर जीवन के संबंधित क्षेत्रों पर असर डालते हैं. रत्‍न बीमारियां दूर करने से लेकर आर्थिक स्थिति, करियर, रिश्‍ते, पर्सनालिटी बेहतर करने आदि में प्रभावी नतीजे देती है. हर रत्‍न की ढेरों प्रजातियां होती हैं. उदाहरण के लिए मूंगा की 62 प्रजातियां है, लेकिन 7 ही उपलब्ध हैं. वहीं नीलम की 400 से ज्यादा प्रजातियों के बारे में पढ़ने को मिलता है लेकिन इसकी 65 प्रजातियां ही मौजूद हैं. इसी तरह हीरे की 39 प्रजातियां और पुखराज की 24 प्रजातियां हैं. ये भी पूरी उपलब्‍ध नहीं हैं. 


क्‍या है रत्‍न को जागृत करना का तरीका


हर रत्‍न को जागृत करने का तरीका अलग होता है. रत्‍न को जागृत करने से उसकी शक्ति बढ़ जाती है और तभी वह पूरा फल देता है. यदि बिना जागृत किए रत्‍न पहन लेंगे तो उसका फल नहीं मिलेगा. रत्न को जागृत करने की विधि के बारे में बात करें, तो उदाहरण के लिए पुखराज रत्‍न को जागृत करने का तरीका जानते हैं. इसके लिए मकोय, सिसवन, दिथोहरी, अकवना, तुलसी और पलोर के पत्तों को पीस लें, फिर इन सभी के वजन का 3 गुना पानी इनमें मिलाकर उबालें. तब तक उबालें जब तक कि पूरा पानी न सूख जाए. फिर ठंडा कर लें. ठंडा होने पर बर्तन की तली में थोड़ा सा पानी इकट्ठा हो जाएगा. इस पानी से 4 गुना गाय का शुद्ध कच्‍चा दूध लें और इसमें मिला दें. फिर इसमें पुखराज डाल दें. फिर एक चम्‍मच की सहायता से हर 3 मिनट में पुखराज को इस मिश्रण से निकालकर फूंक मारकर सुखाएं और फिर से डाल दें. ऐसा 8 से 10 बार करें. इससे पुखराज जागृत हो जाएगा. ऐसे रत्‍न को धारण करने से लाभ होता है. इसी तरह अलग-अलग रत्‍न को जागृत करने की विधि अलग-अलग है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें