Karkotak Kaal Sarp Dosh: कर्कोटक कालसर्प योग भी कुलिक कालसर्प योग की तरह ही होता है. बस एक मामूली सा अंतर होता है. इसमें राहु अष्टम में और केतु द्वितीय भाव में रहता है. जबकि, कुलिक में राहु द्वितीय और केतु अष्टम भाव में होता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में कर्कोटक कालसर्प दोष होता है, वह बीमारी और दुर्घटना से परेशानी उठाता है. अर्थहानि, व्यापार में नुकसान, नौकरी में परेशानी, अधिकारियों से मनमुटाव, पदावनति और मित्रों से हानि तथा साझेदारी में धोखा मिलता है. रोगों की अधिकता, सर्जरी और सेप्टिसीमिया आदि की समस्याएं रहती हैं.


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कर्कोटक कालसर्प दोष में व्यक्ति को आर्थिक संकट रहता है, क्योंकि धन प्राप्ति में बाधाएं आती रहती हैं. यह दोष करियर की प्रगति में भी बाधा डालता है. पहले तो नौकरी ही बड़ी मुश्किल से मिलती है और नौकरी मिलने के बाद प्रमोशन में भी दिक्कत आती है. कभी-कभी तो बड़े पद पर काम करते हुए डिमोशन की स्थिति भी आ जाती है. इस दोष से प्रभावित लोगों में सच बोलने की आदत होती है. सच बोलना तो अच्छी बात है, लेकिन उनकी यह आदत ही अच्छे फायदे वाले सौदे नहीं होने देती है. सगाई या विवाह तय होने के बाद कई बार टूट भी जाता है. 


उपाय


- हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें और पांच मंगलवार का व्रत करते हुए हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर उसका चोला चढ़ाएं. पूजन करने के बाद बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर सबको प्रसाद दें. 


- ऑनलाइन गेम्स, जुआ, सट्टा आदि में पैसा खर्च करने से बचें. 


- अपने बेडरूम में लाल रंग के पर्दे, चादर व तकियों का प्रयोग करें. 


- वृद्धा आश्रम, गरीब बच्चों की पढ़ाई अथवा किसी अस्पताल में असहाय मरीजों की सेवा के लिए धन का दान करना चाहिए.


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