Car Parking Direction for Home: इंसान रोजमर्रा की जिंदगी में कई काम बिना वास्तु शास्त्र के नियमों के ही करता है. इस वजह से कई बार असफलता का भी सामना करना पड़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि दिनचर्या के कुछ कामों में वास्तु के नियमों का पालन कर लिया जाए. यही बात वाहन पार्किंग को लेकर भी होती है. वाहन पार्क करते समय सही दिशा की जानकारी होना बेहद जरूरी है. वास्तु के अनुसार, सही जगह वाहन खड़ा करने से तरक्की के रास्ते खुलते हैं और सफलता कदम चूमने लगती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आग्नेय या वायव्य कोण


लोग महंगी गाड़ी तो खरीद लेते हैं, किंतु उसकी व्यवस्थित पार्किंग नहीं करते हैं. नतीजतन वह टेंशन के शिकार हो जाते हैं और टेंशन अधिक समय तक बना रहा तो यह हाई बीपी और डायबिटीज भी दे सकता है. वास्तु शास्त्र का मानना है कि कार गैराज या मोटर रखने का स्थान भूखंड के आग्नेय या वायव्य कोण में होना चाहिए. वाहन वही सार्थक होते हैं, जो कम से कम स्थिर यानी खड़े रहें. जब भी स्वामी को वाहन की आवश्यकता पड़े, उस समय उसका वाहन यात्रा करने के लिए तैयार होना चाहिए. 


अधिक दिन तक खड़ी न रखें गाड़ी


कई बार देखा गया है कि लोग वाहन खरीद लेते हैं, लेकिन उस पर यात्रा बहुत कम करते हैं. यह भी एक दोष है, जो गाड़ियां काफी दिनों तक खड़ी ही रहती हैं, उनके मालिकों को मानसिक तनाव और धन हानि का सामना करना पड़ता है.


सफल यात्रा


वायव्य (उत्तर एवं पश्चिम का मध्य) में कार खड़ी करना सबसे अधिक श्रेष्ठ माना गया है. वायव्य के पश्चिम में गैराज होने पर कार स्वामी की यात्राएं सुखद और सफल रहती हैं. ऐसा वाहन गैराज में कम और यात्राओं में अधिक रहता है. आग्नेय में कार खड़ी करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उसमें बहुत अधिक ईंधन नहीं होना चाहिए, क्योंकि यहां पर अग्नि तत्व की प्रधानता होती है. गैराज की फर्श की ढलान उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ रखें. ध्यान रखना चाहिए कि गैराज में गाड़ी खड़ी करने के बाद उसके चारों ओर जगह छूटनी चाहिए.इस दिशा में भूलकर न खड़ी करें कार


ईशान कोण


वाहन ईशान कोण में कतई नहीं खड़ा करना चाहिए. ईशान में गाड़ी खड़ी होने पर घर में संतान संबंधी समस्याएं रहती हैं. ऐसे घर में बच्चों को बहुत अधिक मानसिक तनाव रहता है. यहां पर बना गैराज घर के मुखिया को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भ्रमित रखता है. गाड़ी खड़ी करते समय कार का मुंह हमेशा उत्तर या पूर्व में रखें. ध्यान रहे कि गाड़ी का मुख दक्षिण या पश्चिम की ओर न रहे,  क्योंकि दशा और दिशा ही आपकी सफलता को सुनिश्चित करता है.


कबाड़खाना


एक बात ध्यान रखने वाली है कि गैराज को कबाड़खाना कतई न समझें. यहां पर साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा, साथ ही बाहर निकलने का रास्ता भी अवरोध मुक्त होना चाहिए. गैराज की दीवारों को रंगने के लिए सफेद, पीला या हल्के रंग अच्छे रहते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


Sun Transit: 17 सितंबर से शुरू होंगे इन लोगों के सफलता पाने के दिन, सूर्य देव की मिलेगी कृपा
Pitra Dosh: इन लक्षणों से चलता है पितृ दोष होने का पता, पितरों को प्रसन्न करना एकमात्र उपाय