Shani Puja Yog: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है. हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. कहते हैं कि किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से की जाए, तो व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. गणेश जी की कृपा पाने के लिए बुधवार के साथ चतुर्थी तिथि को भी खास माना गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर माह दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने और व्रत आदि रखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. बता दें कि इस बार चैत्र शुक्ल की चतुर्थी तिथि 25 मार्च यानी की आज मनाई जाएगी. इस दिन शनिवार होने के कारण गणेश जी की पूजा के साथ शनि देव की पूजा का भी विशेष योग बन रहा है.


गणेश जी के साथ शनि की पूजा का विशेष योग


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन गणेश चतुर्थी के दिन खास योग बन रहा है. ये दिन विघ्न विनाशक और मंगलकारी गणेश जी को समर्पित है. कहते हैं कि इस दिन गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने से रिद्धि-सिद्धि और शुभ  लाभ की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि भगवान शिव के पुत्र होने के कारण गणेश जी के भक्तों पर शनि देव का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता.


इतना ही नहीं, गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है ऐसे में शनि के दुष्प्रभाव से आने वाली बाधाओं का व्यक्ति पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिदेव का तेल से अभिषेक अवश्य करें. साथ ही, पीपल के पेड़ में तेल का दीपक जलाएं. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं.


गणेश जी की यूं करें पूजा


गणेश जी की पूजा के लिए बुधवार के दिन के साथ चतुर्थी तिथि को भी बेहद खास माना गया है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नना कर लें और व्रत का संकल्प  लें. इसके बाद भगवान गणेश को नए वस्त्र, जनेऊ, चंदन और दूर्वा घास आदि अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को दूर्वा और मोदक बेहद प्रिय है. ऐसे में गणेश चतुर्थी पर इन्हें दूर्वा की 21 गांठें अर्पित करें.  साथ ही, मंत्र और आरती करने के बाद ही पूजा का समापन होता है.


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)