Chaitra Navratri Puja Vidhi: यदि आपके ऑफिस में बहुत काम रहता है और नवरात्रि में रोज कुछ अधिक समय मां भगवती की पूजा के लिए नहीं निकाल पा रहे हैं तो पहले दिन संक्षिप्त पूजा कर मां के सामने हाथ जोड़कर ऑफिस जा सकते हैं, लेकिन नवरात्रि में अष्टमी तिथि को तो अवश्य ही विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. कई संस्थानों में तो अष्टमी के दिन अवकाश भी रहता है. वैसे इस बार 29 मार्च बुधवार को अष्टमी की तिथि पड़ रही है. पौराणिक कथा के अनुसार, दक्ष के यज्ञ का विध्वंस करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोड़ों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थीं. 


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हवन


नवरात्रि में प्रतिदिन के पूजन के साथ ही कंडे की धुनी जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कर्पूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए. लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए नवरात्रि में पान और गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर मां भगवती को अर्पित करने से उनकी कृपा मिलती है. परिवार में सुख संपत्ति, धन वैभव बढ़ने के साथ ही कभी कष्ट नहीं होता है. 


कन्या 


नवरात्रि में प्रतिदिन कन्याओं का विशेष पूजन किया जाता है. श्रीमद् देवी भागवत पुराण के अनुसार, नित्य ही एक कुमारी का पूजन करें अथवा प्रतिदिन एक-एक-कुमारी की संख्या के वृद्धि क्रम से पूजन करें अथवा प्रतिदिन दो या तीन गुने वृद्धिक्रम से अथवा प्रत्येक दिन नौ कुमारी कन्याओं का पूजन करें. यदि प्रतिदिन कन्या पूजन करना संभव न हो तो नवरात्रि में अष्टमी अथवा नवमी तिथि को नौ कन्याओं को विधिपूर्वक बैठाकर उनका पूजन करने के बाद भोजन कराना चाहिए और विदा करते समय उन्हें गिफ्ट देना न भूलें. बाहर की कन्याओं को बुलाकर तो पूजन करें ही किंतु घर की कन्या को कतई न भूलें. कन्या बड़ी है तो भी उसे इस बीच तो भूलकर भी न डाटें और सम्मान कर उसके लायक कोई गिफ्ट दें.


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