grahan 2023: शरद पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है, जिसका इंतजार बच्चे-बूढ़े सभी साल भर तक करते हैं. यूं तो खीर एक आम पकवान है, जो सामान्यतः भारतीय घरों में मीठे व्यंजन के रूप में मानी जाती है. खीर भी अलग-अलग तरहों से बनाकर महिलाएं अपनी पाक कला का अद्भुत प्रदर्शन करती हैं. 


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माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने से उस पर अमृत वर्षा होती है. शायद यही कारण है कि इस दिन की खीर को लोग अंगुलियों से चाटते हैं, किंतु इस बार की शरद पूर्णिमा में सदियों पुरानी इस परम्परा को नहीं मनाया जाएगा. इसका मुख्य और एकमात्र कारण चंद्रग्रहण है. 


ध्यान रखिए इस बार खीर बनाकर उसमें अमृत वर्षा के लिए चंद्रमा के नीचे रखने की जरूरत नहीं है. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार, ग्रहण का स्पर्श रात में 1:05 पर होगा और मध्य रात में 1:44 मिनट तथा मोक्ष रात्रि 2:23 पर होगा. इस तरह शाम को 4:05  पर सूतक शुरू हो जाएगा. सामान्य और स्वस्थ मनुष्यों को तो सूतक भी मानना चाहिए, किंतु बच्चे, वृद्ध और बीमार लोगों को दवा पानी लेने में कोई परहेज नहीं करना चाहिए. घर में दूध आदि जो खाद्य पदार्थ हैं, उनमें पहले से ही तुलसी की पत्तियों को डाल देना चाहिए, ताकि ग्रहण का असर न पड़े. 


ग्रहण काल और सूतक को ध्यान में रखते हुए इस बार खीर बनाने का उपक्रम नहीं करना है. कुछ लोगों को लगता है कि पहले ही खीर बनाकर खा ली जाए तो वह भी ठीक नहीं प्रतीत होता है, क्योंकि वैसे तो आप कभी भी खीर बनाकर खा सकते हैं, किंतु शरद पूर्णिमा वाले दिन खीर बनाकर उसमें अमृत की बूंदे आने की जो धारणा है वह तो पूरी नहीं होगी.


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