Bharani Nakshatra: तारामंडल में दूसरा नक्षत्र भरणी कहलाता है. मेष राशि में पड़ने के कारण मेष राशि वालों का भरणी नक्षत्र हो सकता है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों में जबर्दस्त क्रिएटिविटी होती है किंतु उन्हें जीवन में बेवजह की प्रतिस्पर्धा से बचना चाहिए, इन्हें अपने काम को करते रहना चाहिए और अनावश्यक रूप से अपनी तुलना हर किसी से नहीं करनी चाहिए. इन्हें घर या बाहर कहीं भी विवादों में पड़ने से बचना चाहिए, किसी दूसरे के विवाद में पड़ कर यह अपने लिए समस्या मोल ले सकते हैं. 


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इसके साथ ही इस नक्षत्र के लोगों को अत्याधिक भोग विलास से भी दूर रहना चाहिए, सामान्य जीवन जीना ही उनके हित में है. इन्हें अफवाह फैलाने वाले भी नापसंद रहते हैं. यदि कोई बिना पुख्ता सबूत के फर्जी सूचना दें ते तो यह नाराज हो जाते हैं. इसके साथ ही इन्हें चापलूसी बिल्कुल भी नहीं पसंद होती है, खुद भी स्पष्ट बात करते हैं और साफ बातचीत ही पसंद करते हैं. 


इस तरह बढ़ा सकते हैं पावर


भरणी नक्षत्र को और मजबूत करते हुए वनस्पतियों में आंवला के प्रति भावनात्मक लगाव और श्रद्धा पैदा करनी चाहिए. आंवले का पौराणिक नाम धात्री है. अपने विलक्षण गुणों के कारण ही आंवले के फल को अमृत फल भी कहा गया है. भरणी नक्षत्र के लोगों को आंवले का पौधा लगाना चाहिए, और उसे लगाने के साथ-साथ उनकी पूजा, संरक्षण एवं फल भी ग्रहण करना चाहिए. यूं भी आंवले के पेड़ हर जगह पाया जाता है. इस नक्षत्र के लोगों को एक बात नोट कर लेना चाहिए कि प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में नवमी को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है जिसे आखा नवमी भी कहते हैं. इस दिन दिन घर से भोजन बना कर ले जाकर आंवले के वृक्ष के नीचे उसकी पूजा करने के बाद भोजन करने की परम्परा है. इसीलिए अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है. आंवले में औषधीय गुण भी बहुत से हैं और इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.