Pitambari Neelam Stone Benefits: रत्न शास्त्र के अनुसार ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशि के जातकों के जीवन पर पड़ता है. ऐसे में रत्न शास्त्र में कुछ रत्नों को जिक्र किया गया है, जिन्हें धारण करने से ग्रहों के अशुभ फलों को कम किया जा सकता है. साथ ही, उस ग्रह को कुंडली में मजबूत करने के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में रत्नधारण करने की सलाह दी गई है. रत्न शास्त्र के अनुसार हर ग्रह के लिए एक अलग रत्न होता है, जो व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. 


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रत्न शास्त्र में ऐसे ही एक रत्न का जिक्र किया गया है, पीतांबरी रत्न. कहते हैं कि ये रत्न धारण करने से रंक भी राजा बन जाता है. लेकिन रत्न धारण करते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि रत्न कभी भी बिना ज्योतिष की सलाह के बिना धारण न करें. ऐसा करने से व्यक्ति को विपरित परिणामों का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं पीतांबरी नीलम धारण करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 


पीतांबरी नीलम धारण करने के फायदे


- रत्न शास्त्र का कहना है कि इस रत्न को धारण करने से कुंडली में शनि और गुरु बृहस्पति की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है.


- इतना ही नहीं, इसे धारण करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है. 


- इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति का भाग्य जागता है. इतना ही नहीं, अचानक धन लाभ के साथ आय का स्त्रोत बढ़ जाता है. 


- विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए भी इस रत्न को धारण किया जाता है. 


- मान्यता है कि पीतांबरी नीलम धारण करने से व्यक्ति की बुद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इतना ही नहीं, उसके रचनात्मक और बौद्धिक विकास में वृद्धि होती है. 


- इतना ही नहीं, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को कार्यस्थल में मौजूद लोगों से अच्छे संबंध स्थापित होते हैं. 


- इससे पहनने से लोगों की सोचने की क्षमता बढ़ती है, इससे आप हर काम को सही से कर पाते हैं. 


- रत्न ज्योतिष के अनुसार मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए भी ये रत्न लाभकारी रहता है. 


ये राशि के जातक धारण कर सकते हैं पीतांबरी


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीतांबरी नीलम रत्न मकर, धनु, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ फलदायी माना गया है. लेकिन इस रत्न को पहनते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी कुंडली में शनि या गुरु बृहस्पति नीच या शत्रु भाव में विराजमान नहीं होना चाहिए. इसके अलावा, शनि और गुरु बृहस्पति के पांचवे, नौंवे और दशम भाव के उच्च स्थिति में विराजमान है, तो उन लोगों को पीतांबरी रत्न धारण करना चाहिए. 


पीतांबरी नीलम धारण करने की सही विधि


रत्न शास्त्र के अनुसार पीतांबरी नीलम तभी शुभ फलदायी होता है, जब उसे सही तरीके से पहना जाए. पीतांबरी नीलम 7 से सवा 8 रत्ती तक का पहना जा सकता है. इतना ही नहीं, इस रत्न को चांदी में पहनना अच्छा माना जाता है. इसे पंच धातु या सोना में भी पहना जा सकता है. शनिवार या गुरुवरा के दिन एख कटोरी में गाय का कच्चा दूध और गंगाजल मिलाकर थोड़ी देर रख दें. इसके बाद दाएं हाथ की मध्यमा या फिर अनामिका पर पहन लें. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)