Guru Chandaal Yog: रातोंरात तिजोरी खाली कर देगी इन दो ग्रहों की युति, इन राशि के लोगों को रहना होगा सावधान!
Guru-rahu Yuti: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी दो ग्रहों का मिलना युति कहलाता है. होली के बाद गुरु ग्रह मेष राशि में गोचर कर रहे हैं जहां पहले से ही राहु विराजमान हैं. राहु और गुरु की युति से गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा है.
Jupiter-Rahu Conjuction: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रह अपने निश्चित समय पर गोचर करता है. किसी भी दो ग्रहों का एक ही राशि में मिलना युति कहलाता है. इस दौरान शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है. 22 अप्रैल को गुरु मेष राशि में प्रवेश करेंगे जहां पहले से ही राहु विराजमान हैं. गुरु और राहु की युति से अशुभ योग गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा है. जो कई राशि के जातकों के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालेगा. जानें इन राशियों के बारे में.
गुरु चांडाल से प्रभाविक होंगी ये राशियां
कर्क राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु का अप्रैल में मेष में गोचर राहु के साथ युति बनाएगा. इस दौरान बेहद अशुभ गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा है. इस दौरान कर्क राशि वालों के जीवन में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होंगी. इस अवधि में इन राशि वालों को शत्रुओं से सावधान रहने की खास जरूरत है. इस दौरान कार्यस्थल पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. राहु और गुरु की युति इनके लिए मुश्किलें पैदा करेगी. इस दौरान वाणी पर नियंत्रण रखने की जरूरत है.
मिथुन राशि
बता दें कि गुरु चांडाल योग मिथुन राशि वालों के लिए परेशानियां खड़ी करने वाला है. गुरु और राहु की युति के दौरान इन राशि के जातक निवेश करने से परहेज करें. इस समय शेयर बाजार और लॉटरी आदि में पैसा लगाने से पहले कई बार सोच-विचार कर लें. धन हानि होने की संभावना है. इस दौरान आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, व्यक्ति को तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है.
मेष राशि
गुरु का मेष में गोचर और राहु की उपस्थिति कई तरह की परेशानियां पैदा करेगी. इस दौरान इन जातकों को धन हानि का सामना करना पड़ सकता है. आत्मविश्वास में कमी आएगी. इतना ही नहीं,इन राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कार्यक्षेत्र में सतर्क रहें. इस दौरान किसी अधिकारी से वाद-विवाद हो सकता है. कहीं भी पैसा निवेश करने से बचें.
राहु के प्रभाव को कम करने के उपाय
राहु ग्रह की शांति के लिए शनिवार का दिन उत्तम है. इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. इसके साथ ही इसमें थोड़ी दूर्वा भी अर्पित करें. शाम के समय घी का दीपक जलाएं. वहीं, राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रविवार के दिन कन्याओं को खीर और मीठी दही खिलाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)