Guruwar ke Upay: सनातन धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माने गए हैं. गुरुवार को दिन को भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति को समर्पित किया गया है. कहते हैं कि अगर आपके अधिकतर काम बीच में ही लटक जाते हैं तो इसकी वजह कुंडली में गुरु की कमजोर स्थिति हो सकती है. इसके लिए निराकरण के लिए ज्योतिष शास्त्र में गुरुवार से जुड़े कुछ खास उपाय बताए गए हैं. अगर आप भी अपनी आर्थिक स्थिति सुधारकर जिंदगी में सफल होना चाहते हैं तो ज्योतिष शास्त्र के 5 उपाय जरूर आजमा लीजिए. ऐसा करने से आपकी जिंदगी सफल होते देर नहीं लगेगी. 


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गुरुवार के अचूक उपाय (Guruwar ke Upay)


गुरुजनों का लें आशीर्वाद


ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और बृहस्पति के अलावा गुरु को भी समर्पित होता है. इसलिए इस दिन अपने गुरु से भेंट करके उनका आशीर्वाद लें. ऐसा करने से आपके करियर में तरक्की होगी. आप इस दिन मंदिर के पुजारी के चरण छूकर उनका भी आशीर्वाद ले सकते हैं. 


पीले फलों का करें दान 


वैदिक शास्त्र के मुताबिक कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए गुरुवार को पीले फलों का दान करना चाहिए. इनमें पपीता केला या दूसरे फल शामिल हो सकते हैं. आप अस्पताल में जाकर वहां भर्ती मरीजों को भी फलाहार बांट सकते हैं. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और परिवार पर उनकी कृपा बरसती है. 


गुरुवार को घी का दीपक जलाएं


गुरुवार (Guruwar ke Upay)  के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान और सूर्य देवता को प्रणाम करके अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए. इसके बाद विधिवत तरीके से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें. भगवान विष्णु की पूजा के दौरान आप देसी घी से दीपक जलाएं और उसमें थोड़ा केसर भी डाल दें. 


भगवान विष्णु को चढ़ाएं भोग


गुरुवार (Guruwar ke Upay)
 को आप दूध और केसर की खीर बनाएं और सेवन से पहले भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को उसका भोग चढ़ाएं. इसके बाद पूरे परिवार के साथ उस खीर का सेवन करें. यह उपाय करने से परिवार में एकता मजबूत होती है और परिवार सुखी-समृद्ध होता है. 


विष्णु नाम स्तोत्र का करें पाठ


परिवार पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा प्राप्त करने के लिए आप गुरुवार को विष्णु नाम स्तोत्र या विष्णु चालीसा का पाठ करें. इसके लिए आपको स्नान करने के तुरंत बाद गंगाजल का पूजाघर में छिड़काव करना होगा. उसके बाद पहले गुरुवार (Guruwar Ke Tips) की कथा पढ़ें. इसके पश्चात आसन पर बैठकर विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)