Guru ki Mahadasha ke Lakshan: व्‍यक्ति को अपने जीवन में ग्रहों की महादशा भी झेलनी पड़ती हैं. ग्रहों की महादशा का बड़ा असर व्‍यक्ति के जीवन पर होता है. ज्‍योतिष में गुरु ग्रह को भाग्‍य वृद्धि करने वाला, विवाह, सुख का कारक बताया गया है. कुंडली में गुरु का शुभ होना जातक को जीवन में खूब सफलता और सुख देता है. ऐसे जातक के जीवन में गुरु की महादशा सुनहरे दिन लेकर आती है. ज्‍योतिष के अनुसार गुरु की महादशा 16 साल तक चलती है. 


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गुरु की महादशा चमका देती है किस्‍मत 
 
ज्‍योतिष के अनुसार कुंडली में गुरु शुभ हो तो जातक के जीवन में गुरु की महादशा के लक्षण साफ नजर आते हैं. उसे गुरु की महादशा के दौरान हर काम में किस्‍मत का साथ मिलता है. उसका दुर्भाग्‍य भी सौभाग्‍य में बदल जाता है. ऐसा जातक बेहद भाग्‍यशाली होता है. उसे वैवाहिक सुख मिलता है. 


वहीं कुंडली में नीच का गुरु बहुत दुख देता है. ऐसे व्‍यक्ति का विवाह देर से होता है या वैवाहिक सुख में कमी आती है. इसके अलावा उसे अपने जीवन में बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है. करियर में बाधाएं या रुकावटें झेलनी पड़ती हैं. आर्थिक तंगी भी होती है. उसकी शिक्षा में रुकावट आती है या वो इस क्षेत्र में काफी पीछे रहता है. जातक को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं. 


गुरु की महादशा के उपाय


- यदि कुंडली में गुरु कमजोर हो या नीच का हो तो हर गुरुवार को व्रत रखें. इस दिन भगवान विष्‍णु और देवगुरु बृहस्‍पति की पूजा करें. 


- हर गुरुवार को नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्‍नान करें. संभव हो तो रोज ऐसा करें, इससे आपका दुर्भाग्‍य भी सौभाग्‍य में बदल जाएगा. 


- यदि विवाह में देरी हो रही हो या वैवाहिक जीवन में समस्‍या हो तो गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें. 


- केले के पेड़ पर हल्दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ाना बहुत शुभ होता है.


- गुरुवार के दिन गरीबों या जरूरतमंदों को पीली चने की दाल, केले और पीली मिठाई दान करना भी कुंडली में गुरु को मजबूत करता है.



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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