Guru Grah Ki Mahadasha: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह का किसी न किसी राशि से संबंध जरूर होता है. ऐसे में ग्रहों की चाल, गोचर, महादशा, अंतर्दशा का सभी 12 राशियों के जातकों पर प्रभाव पड़ता है. किसी जातक की कुंडली में अगर ये दशाएं शुभ स्थिति में हों तो उन्हें खूब तरक्की मिलती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है. देवगुरु बृहस्पति की बात करें तो उनकी महादशा 16 साल तक चलती है. गुरु किसी जातक की कुंडली में मजबूत स्थिति में हों तो इस दौरान किस्मत का खूब साथ मिलता है. जीवन पर सकारात्मक परिवर्तन आता है. 


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प्रभाव


गुरु की महादशा जब भी चलती है तो जातक के जीवन में कई परिवर्तन आते हैं. इस दौरान उसे जमकर धन लाभ होता है और आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पडता है. इस दौरान नकारात्मक सोच से मुक्ति मिलती है और जीवन में पॉजिटिविटी आती है. जो लोग शिक्षा के क्षेत्र में होते हैं, वह इस दौरान खूब नाम कमाते हैं. 


शुभ स्थिति


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में होते हैं. ऐसे लोग आकर्षक होते हैं. ये लोग शांत स्वभाव और काफी ज्ञानी होते हैं और उच्‍च शिक्षा ग्रहण करते हैं. करियर में काफी फायदा मिलता है. जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है. 


अशुभ स्थिति


जिन लोगों की कुंडली में गुरु अशुभ स्थित में होते हैं तो जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. दांपत्य जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और करियर में काफी संघर्ष करना पड़ता है. संतान सुख प्राप्त नहीं होता है और स्वास्थ्य भी खराब रहने लगता है.


उपाय


जिन लोगों की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति कमजोर या अशुभ स्थिति हैं तो ऐसे लोगों को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए. इस दिन पीली मिठाई या बेसन- हल्दी से बनी किसी भी वस्‍तु का सेवन करना शुभ रहता है. पानी में हल्‍दी डालकर नहाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें और हल्‍दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं. गुरुवार के दिन चने की दाल, केले और पीली मिठाई दान करने से भी गुरु की स्थिति मजबूत होती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)