Pitra Dosh: इन लक्षणों से चलता है पितृ दोष होने का पता, पितरों को प्रसन्न करना एकमात्र उपाय
Pitra Dosh Nivaran: किसी जातक की कुंडली में अगर पितृ दोष हो तो उस इंसान की जिंदगी नरक समान हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि समय रहते कुछ उपाय कर लिए जाएं.
Pitra Dosh in Kundali: पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होने वाली है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा. इस दौरान अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष है तो वह श्राद्ध, तर्पण और उपाय कर पितरों को प्रसन्न कर सकता है. पितरों के प्रसन्न होने पर पितृ दोष की बाधा भी समाप्त हो जाती है. अक्सर लोग इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते होंगे कि पितृ दोष क्या है और कैसे पता चलेगा कि उनकी कुंडली में ये दोष है. ऐसी मान्यता है कि जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं होने लगती हैं, जिससे पता चल सकता है कि पितृ दोष है कि नहीं.
लक्षण
ज्योतिष के महान ग्रंथ वृहत पाराशरी में कुल 14 प्रकार के श्राप बताए गए हैं. इसमें पितृ शाप के कारण बनने वाला पितृ दोष सबसे पहला है. यह दोष होने से संतति नहीं होती, यदि हो जाए तो जीवित नहीं रहती. किसी को पुत्र संतति नहीं होती. किसी के धन का अपव्यय होता रहता है. किसी को व्यवसाय में अपयश मिलता है और विचार नास्तिक होते हैं. लगातार विपत्तियां आती रहती हैं. खेती में अपयश मिलता है. घर व खेत के पशु अकारण ही मर जाते हैं. कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है. घर में कोई न कोई हमेशा बीमार बना रहता है. माता-पिता से झगड़ा होता है. स्त्रियों को पीड़ा होती है. घर के किसी व्यक्ति का बिना बताए निकल जाना. कष्ट से प्राप्त धन अधूरा लगना. किसी व्यक्ति के शरीर में भूत या पिशाच का संचार होना. परिवार में किसी के मंदबुद्धि का होना या पागल हो जाना. पूरी मेहनत के बाद भी किए गए कार्यों में अपेक्षित सुफल नहीं मिलते हैं या अनावश्यक विलंब से मिलते हैं.
संकेत
परिवार में विवाह योग संतान के विवाह में अनावश्यक रूप से देरी होना. जबकि, सारी परिस्थितियां अनुकूल हैं. शरीर में बिना वजह दर्द और भारीपन रहता है. परिवार में बने-बनाए काम अंतिम समय पर बिगड़ जाते हैं. घर में कोई मांगलिक कार्य नहीं हो रहा हो. रोज नई-नई आफतें आ रही हों. आदमी दीन-हीन होकर भटक रहा हो या संतान नहीं हो रही हो या संतान दिव्यांग पैदा हो या संतान से सुख न मिल रहा हो और यह क्रम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा हो तो इसका मुख्य कारण है कुंडली में पितृ दोष का होना होता है.
पितरों को प्रसन्न
पितृ दोष पितरों के रुष्ट होने पर बनता है. यह दोष एक तरफ कुंडली के सारे राजयोग, दूसरी तरफ फिर भी पितृदोष ही भारी पड़ता है. यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो इस समय सभी काम छोड़कर केवल पितरों को प्रसन्न करने में जुट जाना चाहिए.
Kalava: धन आगमन के खोलने हैं रास्ते, आज ही बांध आएं इन 5 पेड़ों में कलावा |
Sun Transit: 17 सितंबर से शुरू होंगे इन लोगों के सफलता पाने के दिन, सूर्य देव की मिलेगी कृपा |