Pitra Dosh in Kundali: जब कोई व्यक्ति जानबूझकर क्रोध, दुश्मनी अथवा किसी के उकसावे में किसी की हत्या कर दे अथवा किसी को अकाल मृत्यु पहुंचा दे अथवा महिलाओं के गर्भधारण के बाद एबॉर्शन यानी गर्भपात कराना आदि ऐसे अपराध है जो भयंकर पितृ दोष बनाने के कारण होते हैं और आने वाली पीढ़ियां इसको भोगती हैं. ऐसी गलती से परिवार विघटित हो जाते हैं और संकट थमने के बजाय बढ़ता ही जाता है. पितृदोष से निवारण और पितरों को प्रसन्न करने के केवल दो ही उपाय हैं पहला श्राद्ध और दूसरा तर्पण. श्राद्ध यानी श्रद्धा और तर्पण अर्थात तृप्त करना.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बार आश्विन मास का कृष्ण पक्ष अर्थात पितृपक्ष 29 सितंबर से शुरु हो रहा है. इन 15 दिनों को अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए रिजर्व करने के साथ ही प्लान बनाने की जरूरत है. जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष नहीं है, उन्हें भी इन 15 दिनों में अपने पितरों को श्रद्धा के साथ तृप्त करना चाहिए ताकि उनकी कीर्ति काया सदैव आपके भाग्य के दरवाजे खोलती रहे.


कौवा


यदि आपके घर में कौवे आते हैं तो समझ लीजिए कि आप बहुत सौभाग्यशाली हैं क्योंकि आज कल कौवे दिखाई ही कम देते हैं. कौवे के लिए नियमित रूप से दाना पानी की व्यवस्था करें. यदि छत हो तो वहां पर यह व्यवस्था करें नहीं तो बालकनी और यह भी न हो सके तो बाहर किसी पार्क आदि में रखें ताकि कौआ व पक्षी आकर खाएं. एक बात और ध्यान रखिए कि भोजन का एक समय सुनिश्चित कर लें क्योंकि पक्षी उसी समय प्रतीक्षा करते हैं और उनको वेट कराना यानी पितरों को वेट कराना है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुत्तों और गाय के लिए भी नियमित रूप से भोजन निकालना चाहिए. यदि वह न खाएं तो उनसे मन ही मन में प्रार्थना करनी चाहिए कि पितर हमें क्षमा करें, आप हमारा भोजन ग्रहण करें.


पेड़


पितरों की याद में दीर्घायु होने वाले वृक्ष जैसे अशोक, बरगद, पीपल, नीम आदि को लगाना चाहिए और उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए. घर में पितरों की जो फोटो हो उनको फ्रेम कराकर ताजे पुष्पों की माला नित्य पहनानी चाहिए, यह सिलसिला पितृ पक्ष तक अखंडित रखें. शिव मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए, यदि किसी मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा हो तो वहां पर गुप्त दान कर पितरों को खुश करें.