Tulsi Remedies In Pitra Paksha: हिंदू धर्म में पितर पक्ष का विशेष महत्व है. इस माह में पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष दिलाने के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि किया जाता है. कहते हैं कि वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध कर्म से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. बता दें कि पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से शुरू होते हैं और अश्विन अमावस्या तिथि पर इनका समापन होता है.


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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों में पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं. इन्हीं में से एक तुलसी का उपाय है. इन तुलसी के उपायों को करने से तर्पण, श्राद्ध कर्म के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. जानें तुलसी से जुड़े इस उपाय के बारे में. 


पितृ पक्ष कब से हो रहे हैं शुरू


हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल पितृ पक्ष भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू होते हैं और अश्विन अमावस्या पर इनका समापन होता है. इस बार 27 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है और  14 अक्टूबर 2023 को इसका समापन होगा. ये 15 दिनों पितरों की सेवा के लिए बहुत खास होते हैं और इन उपायों को ये 15 दिन में से कभी भी किया जा सकता है. 


तुलसी के पास ऐसे रखें गंगाजल 


शिव पुराण में ताया गया है कि पितृ पक्ष के दौरान घर का कोई भी  सदस्य तुलसी के पौधे के पास एक कटोरी रख दें. इसके बाथ हथेली में गंगाजल लें और 5-7 बार पितरों का नाम लेते हुए बाबा विश्वनाथ का नाम लेते हुए धीरे-धीरे कटोरी में गंगाजल छोड़ दें. इसके बाद हाथ जोड़ें और मनन करें. इसके बाद इस गंगाजल को आप किसी अन्य पौधे में डाल दें या फिर घर में छिड़काव कर दें. इस उपाय को करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. साथ ही, कहते हैं कि इससे पितरों को पिंडदान और तर्पण की जरूरत नहीं पड़ती. साथ ही, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. 


इस बात का रखें खास ख्याल 


इस उपाय को वैसे तो पितृ पक्ष के दौरान कभी भी किया जा सकता है. लेकिन रविवार या एकादशी के दिन इस उपाय को भूलकर भी न करें. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)