Pitru Paksha Start: पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होगी, जो 14 अक्टूबर तक चलेगा. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पितर धरती पर आते हैं, जिस वजह से उनको प्रसन्न करना आसान हो जाता है. इस दौरान लोग श्राद्ध, दान, तर्पण, पिंडदान कर पितरों को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. कुंडली में अगर पितृ दोष है तो श्राद्ध पक्ष के दौरान इससे मुक्ति पाई जा सकती है. हिंदू धर्म में गायों को बेहद पवित्र माना जाता है. इसमें सभी देवी-देवताओें का वास बताया गया है. पितृ पक्ष में अगर गाय को सेवा कर उनको खुश कर दिया तो पितर भी प्रसन्न होते हैं.   


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गाय का दान करने से जन्मों-जन्म के पापों का शमन हो जाता है. जो लोग गाय का दान नहीं कर पाते हैं, वह लोग गौ सेवा कर सकते हैं. किसी गौशाला में जाकर चारे-पानी के रूप में अपना सहयोग दे सकते हैं. आधुनिक समय में प्लास्टिक खाने से गायों के बीमार होने की सूचना मिलती है. ऐसे में गायों को प्लास्टिक खाने से रोकना भी गाय की सेवा के समान है, इसलिए सभी लोग खाने-पीने का सामान पॉलीथिन में न फेंककर भी ऐसी सेवा कर सकते हैं. वैसे सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक भी लगा रखी है.


सौभाग्य


दरवाजे पर बैठी गाय को कभी दुत्कारना नहीं चाहिए. सोचना चाहिए कि यह तो भाग्य है जो दरवाजे पर स्वयं ही गाय आई है. गौपालकों को गाय दुहने के बाद कतई नहीं छोड़ना चाहिए. देसी गाय के साथ जुड़े देसी शब्द को लोकल नहीं समझना चाहिए. देसी गाय का दूध और देसी घी बहुत ही दिव्य होता है. इसके उपयोग से बुद्धि का विकास होता है और पैनापन आता है.


सकारात्मक ऊर्जा


गाय सकारात्मक ऊर्जा का बहुत बड़ा स्रोत होती है. जो लोग डिप्रेशन का शिकार होते हैं, उन्हें गाय के साथ रहना चाहिए, उसके औरा के नजदीक रहने से उन्हें स्वाभाविक रूप से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी और डिप्रेशन कम होता जाएगा. शनि राहु और केतु ग्रहों की शांति के लिए चितकबरी और और काली गाय की सेवा करनी चाहिए. सूर्य की शांति के मैरून कलर की गाय की सेवा करने के साथ ही रविवार को भोजन कराएं और गुड़ खिलाएं. पितरों को प्रसन्न करने और पितृदोष के निवारण के लिए नित्य प्रति गाय की सेवा करने के साथ ही उसे रोटी खिलाना चाहिए. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)