Pitru Paksha Rituals: पितृ पक्ष में यदि आप परम्परागत रूप से श्राद्ध और तर्पण करते हैं तो उसे अवश्य करते रहिए. आपको याद दिलाने के लिए बता देते हैं कि इस बार के पितृ पक्ष आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा अर्थात 29 सितंबर से शुरु हो रहे हैं. जलांजलि और श्राद्ध कर्म के साथ ही आप पितरों को खुश रखने के लिए नित्य भोजन करने से पहले अपने हिस्से की पहली रोटी में से एक चौथाई रोटी चिड़िया, पक्षी अथवा गाय को खिलाएं. पितरों के लिए नियमित घर में दीपक, धूप आदि जलाएं. प्रत्येक मास में आने वाली अमावस्या को पितरों के नाम से धूप, दीप आदि करें और गरीब व्यक्ति को यथा योग्य भोजन कराएं. हर अमावस्या को पांच फल गाय को खिलाएं. ऐसा करने से भी आपके पितर संतुष्ट होंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यदि रोज किसी गरीब को भोजन कराना नहीं संभव है तो कम से कम पितृ पक्ष के 15 दिनों तक नियमित रूप से किसी गरीब को भोजन कराने की व्यवस्था करनी चाहिए और यह कार्य घर पर नहीं कर सकते हैं तो लंच पैकेट बनाकर देना चाहिए. अनाथालय में जरूरतमंद बच्चों को  भोजन, वस्त्र, पुस्तकें आदि दें. जरूरतमंदों की आर्थिक रूप से मदद करने पर भी पितर खुश होंगे. 29 सितंबर से लेकर आने वाले 15 दिनों तक आपको किसी जरूरतमंद व्यक्ति को एक समय का भोजन अवश्य करना चाहिए. 


यदि किसी व्यक्ति के जीवन साथी के परिवार पर पितृ दोष है और पत्नी के कोई भाई भी नहीं है तो निश्चित रूप से अब पितरों की रुष्टता को दूर करने की जिम्मेदारी पुत्री और दामाद की होगी. यदि कुंडली में सूर्य और राहु की युति पांचवें भाव यानी संतान भाव पर है तो कुल वृद्धि में पितर ब्रेक लगा देते हैं. गर्भ धारण नहीं होने देते हैं और ऐसे परिवारों में मिसकैरेज बहुत अधिक होते हैं. यदि संतान हो भी जाए तो वह दिव्यांग या आजीवन लंबी बीमारी से ग्रस्त रहती है.


बाथरूम से तुरंत हटा दें ये चीजें, घर में आती है दरिद्रता
Vastu Tips: किचन में तवे से जुड़ी न करें ये गलतियां, घोर संकट का करना पड़ सकता है सामना