Rahu Kaal Time: ज्योतिष शास्त्र के अुसार पूरा दिन में कुछ समय ऐसा होता है, जिस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है. इस में राहुकाल को अशुभ माना गया है. इस मुहूर्त में कोई भी काम करना शुभ नहीं माना गया. बता दें कि राहु को छाया ग्रह माना गया है. पूरा दिन में राहुकाल आता है. ऐसे में राहुकाल की गणना की जाती है. बता दें कि हर बार राहुकाल के समय में अंतर होता है.


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कहते हैं कि राहुकाल में किया कोई भी कार्य सफल नहीं होता या फिर व्यक्ति को उस दौरान कई तरह की समस्याओं और बाधाओं का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं पूरा दिन में राहुकाल कब होता है और किन कार्यों को भूलकर भी इस समय नहीं कर ना चाहिए.   


जानें क्या होता है राहुकाल


ज्योतिष में राहुकाल का अधिपति ग्रह राहु को माना गया है, जो कि अशुभ फल प्रदान करता है. ऐसे में हर दिन डेढ़ घंटा राहु काल होता है. ज्योतिषीयों का कहना है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय के बीच का आठवां हिस्सा राहुकाल कहलाता है.  


यूं की जाती है राहु की गणना


ज्योतिष अनुसार हर दिन राहुकाल अलग होता है. खासतौर से मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन राहुकाल को अनदेखा नहीं किया जा सकता. कहते हैं कि इन तीनों दिनों में राहु काल के समय राहु विशेष रूप से प्रभावी होता है. बता दें कि सूर्योदय के समय, स्थान और दिन के अनुसार राहुकाल की गणना की जाती है. 


इन कार्यों को करना होता है वर्जित


- मान्यता है कि इस दौरान किसी नए बिजनेस, नई परियोजना या कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए.


- कहते हैं कि इस समय किसी महत्वपूर्ण कार्य से जुड़ी यात्राओं को करने से भी बचना चाहिए. अगर संभव हो तो उसे टाल भी सकते हैं.


- ज्योतिष  शास्त्र के अनुसार इस अवधि में मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, विदाई, विवाह, सगाई जैसे मांगलिक कार्य भी किए जाते हैं.


- राहुकाल में किसी नई प्रॉपर्टी, वाहन, आभूषण, वस्तुओं के लेन-देन या खरीद से बचना चाहिए.  


- इस समय यज्ञ करना भी वर्जित माना गया है.


राहुकाल में करें ये उपाय


- ज्योतिष अनुसार अगर किसी कार्य को करना बेहद जरूरी है, तो ऐसे में सबसे पहले हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें उसके बाद कार्य करके ही प्रसाद ग्रहण करें. हनुमान चालीसा में कहा गया है कि संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।


-  अगर इस समय में यात्रा करना बहुत जरूरी है, तो घर के मुख्य द्वार से निकलने से पहले 10 कदम विपरीत दिशा चलें उसके बाद ही घर से बाहर निकलें.


- धार्मिक मान्यताओं का कहना है कि राहुकाल में यात्रा करने से पहले दही, पान या कुछ मीठा खाकर ही निकलना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और इसे शुभता का प्रतीक माना गया है.


राहुकाल में करें भगवान शिव की पूजा


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहुकाल में जहां कुछ भी कार्य करने की मनाही होती हैं. वहीं भगवान शिव की पूजा अगर राहुकाल में की जाए, तो व्यक्ति पर से काल सर्प दोष हट जाता है. कहते हैं कि कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए राहुकाल में ही भगवान शिव की पूजा की जाती है.   


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)