Revati Nakshatra Rashi: 27 नक्षत्रों में सबसे आखिरी होता है रेवती नक्षत्र. रेवती का अर्थ है, धनाढ्य और प्रतिष्ठित व्यक्ति अर्थात भगवान विष्णु से प्राप्त योग, सत्य, सौभाग्य तथा अमृत रूपी प्राप्त धन. धन वैभव का नाम लक्ष्मी भी है. लक्ष्मी के आठ रूप बताए गए हैं, जिनमें आदि लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी, सौभाग्य लक्ष्मी, अमृत लक्ष्मी, काल लक्ष्मी, सत्य लक्ष्मी, भोग लक्ष्मी और योग लक्ष्मी हैं. 


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लक्ष्मी के अंतिम अर्थात आठवें रूप ‘योग लक्ष्मी’ का संबंध, भचक्र के अंतिम नक्षत्र रेवती से है. रेवती को जीवन में शुभ परिवर्तन लाने वाला नक्षत्र कहा जाता है. यह नक्षत्र लौकिक से पारलौकिक तक जोड़ने वाला होता है. नगाड़े को रेवती का चिह्न माना गया है, जिसका प्रयोग प्राचीन काल में किसी महत्वपूर्ण जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जाता था. इस तरह यह नक्षत्र संचार व्यवस्था एवं पत्रकारिता  के साथ भी जुड़ा है. 


इस नक्षत्र का देवता पूषा को माना गया है, जो सूर्य का ही एक नाम है. यह प्रकाश का देवता है. पूषा को पोषण करने वाला, संकट व भय से बचाने वाला तथा धन, वैभव सुख व सफलता देने वाला देवता माना जाता है. रेवती नक्षत्र मीन राशि में पड़ता है और इसी नक्षत्र से राशि व नक्षत्र दोनों समाप्त हो जाते हैं, इसलिए जिन लोगों की मीन राशि है, उनका रेवती नक्षत्र हो सकता है. 


गुण 
इस नक्षत्र के लोग विषम परिस्थितियों में भी अपना मानसिक संतुलन व धैर्य नहीं खोते हैं, बल्कि परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखते हैं. कठिनाइयों के चलते यह लोग कभी निराश व हताश नहीं होते हैं, क्योंकि परमात्मा पर इनका अटूट विश्वास होता है. प्रभु के प्रति यह विश्वास ही इन लोगों में आशा, उत्साह व उमंग का संचरण कराता है. यह लोग निष्कपट, भावुक व संवेदनशील होने के कारण दीन-दुखियों की सेवा व उनके दुख-दर्द मिटाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं. 


इस नक्षत्र के लोग सभ्य, सौम्य, सद्गुणी होते हैं और अपने शिष्ट व्यवहार से सभी का स्नेह प्राप्त करते हुए समाज में लोकप्रिय होते हैं. इनमें दूसरे लोगों की समस्या का समाधान करने की क्षमता होती है. इनमें समाज का कल्याण चाहने की भावना के साथ ही समाज में यदि कहीं कोई कुरीति चल रही हो तो ये चुप नहीं बैठते और खुल कर विरोध करते हैं. समाज को तोड़ने में नहीं, बल्कि जोड़ने में विश्वास रखते हैं. इन लोगों के लिए संबंध सबसे महत्वपूर्ण होता है और परस्पर स्नेह, सौहार्द्र व सहयोग को प्राथमिकता देते हैं. रेवती नक्षत्र वाले दूसरों के कष्टों को बिल्कुल देख नहीं पाते और उनके कष्टों को दूर करने के लिए आगे आ जाते हैं.