Ruby stone price: कुंडली में कोई भी ग्रह कमजोर हो तो वह अशुभ फल देता है. उस ग्रह से जुड़े क्षेत्र में समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए ज्‍योतिष शास्‍त्र में ग्रहों को मजबूत करके उनसे शुभ फल पाने के लिए उपाय बताए गए हैं. इन उपायों में रत्‍न धारण करने को खासा महत्‍व दिया गया है. ये रत्‍न ग्रह के दुष्‍प्रभावों से निजात भी दिलाते हैं और शुभ फल देते हैं. यदि आप भी करियर, सेहत के मामले में समस्‍याओं का सामना कर रहे हैं तो आपको रत्‍न शास्‍त्र मददगार साबित हो सकता है.  
 
कमजोर सूर्य देता है असफलता, खराब सेहत 


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यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो जातक को हर काम में असफलता का सामना करना पड़ता है. सफल होने की उसकी कोशिशें बार-बार नाकाम होती हैं. इतना ही नहीं निर्बल सूर्य उसके आत्‍मविश्‍वास को भी कमजोर करता है. जातक की सेहत भी अच्‍छी नहीं रहती है. उसकी इम्‍युनिटी कम रहती है. ऐसे में व्‍यक्ति को रोजाना सुबह सूर्य को जल चढ़ाने समेत कुछ उपाय करने चाहिए, जिससे सूर्य मजबूत हो. साथ ही माणिक्‍य रत्‍न धारण करना चाहिए. 


माणिक्‍य रत्‍न देता है सफलता


माणिक्‍य नवरत्‍नों में से प्रमुख रत्‍न है और सूर्य का रत्‍न है. माणिक्‍य रत्‍न धारण करने से सूर्य मजबूत होता है और जातक तेजी से तरक्‍की प्राप्‍त करता है. साथ ही सेहत और आत्‍मविश्‍वास भी बेहतर होता है. लाल रंग के माणिक्‍य को रिंग फिंगर या अनामिका उंगली में पहना जाता है. यानी कि सबसे छोटी और सबसे बड़ी उंगली के बीच की उंगली रिंग फिंगर कहलाती है. 


ये राशि वाले पहन सकते हैं माणिक्‍य 


कोई भी रत्‍न विशेषज्ञ की सलाह के बिना धारण नहीं करना चाहिए. हमेशा विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही रत्‍न पहनना चाहिए. माणिक्‍य रत्‍न मेष, सिंह और धनु राशि के जातक धारण कर सकते हैं. इसके अलावा कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के जातकों के लिए भी माणिक्य रत्‍न शुभ फल देता है. वहीं कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुंभ लग्न के जातकों को माणिक्य गलती से भी नहीं पहनना चाहिए. 


माणिक्‍य रत्‍न धारण करने का तरीका 


माणिक्‍य रत्‍न कम से कम 2.5 रत्‍ती का पहनना चाहिए, बेहतर होगा कि अपने शरीर के वजन के अनुसार रत्‍न का वजन लें, वरना रत्‍न असरकारक नहीं रहेगा. माणिक्‍य रत्‍न रविवार की सुबह सूर्योदय होने के करीब एक घंटे बाद पहनना चाहिए. माणिक्‍य रत्‍न को धारण करने से पहले गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए. फिर माणिक्‍य रत्‍न की अंगूठी को रिंग फिंगर में धारण करें. अंगूठी की बनावट ऐसी हो कि रत्‍न आपकी उंगली की स्किन को स्‍पर्श करें. रत्‍न धारण करने के बाद 'ऊं सूर्याय नम:' मंत्र का कम से कम 108 जाप करें. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)