सावन का महीना 2023: सावन मास का आरंभ हो चुका है. यह महीना भोलेनाथ की भक्ति के लिए  शुभ माना जाता है. इस महीने में शिव भक्त बाबा शिव की पूजा-अर्चना करके आशीर्वाद व कृपा प्राप्त करते हैं. माना जाता है कि श्री विष्णु हरि जब चातुर्मास में शयन को चले जाते हैं तो शिवजी ही सब कुछ देखते हैं और पृथ्वी पर वास करते हुए पृथ्वी लोक के लोगों का कल्याण करते हैं. सावन में भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बेलपत्र, दूध, दही, गंगाजल, फूल, फल चढ़ाकर विशेष पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है. 


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इस बार श्रावण मास में कई दुर्लभ योग हैं, जिसके आधार पर यह कुछ लोगों के लिए तो विशेष फलदायी रहेगा. इनमें से प्रमुख योग बुधादित्य योग, लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग, शश योग आदि हैं. इस बार के सावन माह में एक और दुर्लभ संयोग है कि सावन में ही अधिकमास भी है. इस तरह सावन का महीना दो माह का हो जाएगा यानी कुल 58 दिन और शिव भक्तों को कैलासवासी भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन मास में चार के स्थान पर आठ सोमवार मिलेंगे. 


एक बात और समझने की है कि आपकी कुंडली के अनुसार चाहे कोई भी ग्रह नाराज हो. मार्केश की दशा चल रही हो अथवा राहु-केतु शनि या फिर पितृ दोष हो सबका एक ही रामबाण इलाज है शिवजी की आराधना. शिवजी की पूजा में अभिषेक का बहुत ही महत्व है, इसलिए शिवलिंग को पहले गंगाजल से स्नान कराएं, फिर दूध, शहद और अंत में फिर गंगा जल. गंगाजल की अनुपलब्धता होने पर घर में जल के कलश में दो बूंद गंगाजल मिला लें. आइए समझिए किसी राशि के लोगों को भगवान शिव का कैसे पूजन करना चाहिए. 


मेष : जौ एवं दूध से भोलेशंकर का पूजन करें.


वृष : सफेद फूल और तिलों से पूजन करें. 


मिथुन : शहद और तिलों से पूजन करें.


कर्क : सफेद तिल से पूजन करें. 


सिंह : गुड़ तथा फूलों से पूजन करें.


कन्या : शहद से पूजन करें.


तुला : शक्कर से पूजन करें.


वृश्चिक : दूध से पूजन करें.


धनु : सफेद तिलों से पूजन करें.


मकर : काले तिलों से पूजन करें.


कुंभ : जो तिल से पूजन करें.


मीन : जौ फूल और काले तिलों से पूजन करें.


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