Mrit Sanjeevani Stotra: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक लोटा जल ही काफी है. सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है. कहते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए सावन का महीना बहुत खास है. सावन पूर्णिमा को दो ही दिन बाकी हैं ऐसे में इन दो दिनों में से कभी भी इस पाठ का जाप करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. श्री मृतसंजीवनी स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है.  


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शास्त्रों में इसका अर्थ बताया गया है मृत्यु से उभारने का कवच. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शिव जी के इस मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु, कोई अनहोनी और बड़ी दुर्घटना को रोका जा सकता है. इसे मृत संजीवनी स्तोत्रम के रूप में भी जाना जाता है. कहते हैं कि इसके जाप से शत्रुओं पर विजय पाई जा सकती है. वहीं, सावन में अगर इस मंत्र का उच्चारण कर लिया जाए, तो व्यक्ति को सुख और ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है. कहते है कि सावन में इसका जाप करना शुभ होता है. 


|| मृत्युंजय कवच ||


श्रृणुष्व परमेशानी कवचम मनमुखोदिथं
महा मृत्यंजयस्यास्य न देयं परमद्धभुतं ||


यम दृत्वा यम पठित्वा च यम श्रृत्वा कवचोतमम
त्रैलोक्याधिपठिर भुत्वा सुखितोस्मि महेश्वरी. ||


तदेव वर्णयिश्यामी तव प्रित्या वरानने
तदापि परमम तत्वं न दातव्य दुरात्मने ||


ॐ अस्य श्री महामृत्युंजय कवचस्य
श्री भैरव ऋषी गायत्री छंद


श्री मृत्युंजय रुद्रो देवता ॐ बीजं
ज्रं शक्ती स कीलकं हाउम ईती तत्वं
चतुर्वग फल साधने पठेत विनियोग: ||


ॐ चंद्र मंडल मध्यस्थे रुद्रमाले विचित्रीते,
तत्रस्थं चिंतयेथ साध्यं मृत्युं प्राप्नोती जिवती. ||



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


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