Alakshmi ke Upay: पौराणिक कथाओं के मुताबिक, मां लक्ष्मी की एक बहन भी हैं, जिनका नाम अलक्ष्मी हैं. ये दरिद्रता की प्रतीक हैं. एक बार ये जिस घर में प्रवेश कर जाएं, उसके कंगाल होते देर नहीं लगती. अगर कभी आपको लगे कि आपके घर में अलक्ष्मी या दरिद्रा का वास हो तो सोने से जुड़े कुछ काम कभी नहीं करने चाहिएं. आज हम ऐसे ही 5 कार्यों से आपको अवगत करवाने जा रहे हैं.
अलक्ष्मी का वास होने पर क्या नहीं करना चाहिए?
- मनुस्मृति के मुताबिक, सूने या निर्जन घर में अकेला कभी नहीं सोना चाहिए. इसके साथ ही देव मन्दिर और श्मशान घाट में भी सोने की गलती नहीं करनी चाहिए.
- सूर्योदय के पश्चात और सूर्यास्त के समय सोने वाला व्यक्ति रोगी और दरिद्र हो जाता है. ऐसा व्यक्ति तनाव से गुजरता है. अगर कोई व्यक्ति सोया हुआ तो उसे अचानक नहीं जगाना चाहिए.
- महाभारत के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को भीगे पैर से कभी नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही टूटी खाट पर सोना और जूठे मुँह सोना भी वर्जित है.
- शास्त्रों के मुताबिक दक्षिण दिशा में भूलकर भी पांव करके नहीं सोना चाहिए. इसकी वजह ये है कि वहां पर यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है. ऐसा करने से मस्तिष्क में रक्त का संचार कम हो जाता है और कानों में हवा भरती है.
- कहते हैं कि पूर्व की ओर सिर करके कभी नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से विद्या की हानि होती है. वहीं पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता होती है. उत्तर की ओर सिर करके सोने से बीमारी होती है. इसके बजाय दक्षिण दिशा में सिर करके सोना श्रेयस्कर होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)