Morning Upay: प्रातः काल नींद से जागने के बाद भी व्यक्ति उनींदी अवस्था रहती हैं यानी पूरी तरह से जाग्रत स्थिति नहीं हो पाती है. ऐसे में बहुत दूर की वस्तु या रोशनी पर ह्म नजर डालेंगे तो वह साफ नहीं दिखेगी और आंखों पर भी इसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा. माना जाता है कि सुबह दिखने वाली आकृति का प्रभाव दिन भर रहता है. 


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इसलिए कई बार किसी दिन अच्छे परिणाम न निकलने या कुछ अशुभ होने पर व्यक्ति कहने लगा है कि आज पता नहीं किसका मुंह देख कर उठे थे कि सब अशुभ होता जा रहा है. दिन भर के क्रिया कलापों पर चारो प्रकार के पुरुषार्थ अर्थात धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का घनिष्ठ संबंध है. इनकी सुगम और सहज प्राप्ति के लिए प्रातः उठ कर दोनों हाथों की हथेलियों का दर्शन करते हुए निम्न श्लोक पढ़ना चाहिए.


कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर मध्ये सरस्वती।


करमूले तो गोविंदः प्रभाते कर दर्शनम्।।


श्लोक का अर्थ 


इस श्लोक का अर्थ है हाथ के अगले भाग में लक्ष्मी और मध्य भाग में सरस्वती का वास है, हाथ के मूल में गोविंद यानी ब्रह्मा जी का वास होता है. इस तरह प्रातः काल जागने के बाद सबसे पहले हथेली को देखने से स्वतः ही मां लक्ष्मी, सरस्वती के साथ ही ब्रह्मा जी के दर्शन हो जाते हैं. हथेली के दर्शन करते और श्लोक को बोलते हुए मनस पटल पर मां लक्ष्मी, सरस्वती और ब्रह्मा जी का ध्यान करते हुए दिन को मंगलकारी करने की कामना करनी चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति का दिन शुभ होने के साथ ही उसे उत्तम फल की प्राप्ति होती है. भगवान वेद व्यास जी ने भी करोपलब्धि को परम लाभप्रद माना है. कर तल में हम देव दर्शन करें ताकि हमारी वृत्तियां भगवान के चिंतन की ओर प्रवृत हों. श्लोक बोलने के बाद दोनों हथेलियों को रगड़ कर चेहरे पर लगाना शुभ होता है.   


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)