Shaligram Puja: शालीग्राम की पूजा में तुलसी के साथ अर्पित करें ये एक चीज, श्री हरि की कृपा से छू भी नहीं पाएगा कोई दुख
Shaligram Puja Rules: हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के कई रूप हैं. भगवान विष्णु के विग्रह रूप शालीग्राम हैं. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के रूप शालीग्राम का विवाह तुलसी के साथ किया जाता है. जिन लोगों ने घर में शालीग्राम भगवान स्थापित किए हुए हैं, वे पहले उनकी पूजा के नियम जान लें.
Shaligram Puja Niyam: हिंदू धर्म में शालीग्राम की पूजा का विशेष महत्व है. बता दें कि शालीग्राम भगवान विष्णु के विग्रह रूप हैं. ज्योतिष अनुसार शालीग्राम करीब 33 प्रकार के हैं, इनमें 24 तरह के शालीग्राम को भगवान विष्णु के 24 अवतारों से संबंधित माना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि घर में सिर्फ शालीग्राम स्थापित करना ही काफी नहीं होता. बल्कि शालीग्राम की विधिवत तरीके से पूजा अर्चना करने से भगवान श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, घर से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शालीग्राम की पूजा को लेकर कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. अगर इनसे संबंधित नियमों का पालन न किया जाए, तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में जानते हैं घर में शालीग्राम स्थापित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
शालीग्राम की पूजा करते समय रखें ध्यान
- ज्योतिष शास्त्र में बताय गया है कि घर में शालीग्राम स्थापित करने के बाद कई कडड़े नियमों का पालन नियमित रूप से किया जाना चाहिए. जिस घर में शालीग्राम स्थापित होते हैं, वहां केवल सात्विक भोजन ही किया जाता है.
- कहा जाता है कि घर में कभी भी एक से ज्यादा शालीग्राम स्थापित नहीं करने चाहिए. अगर आपके घर में एक से ज्यादा शालीग्राम हैं, तो शालीग्राम से माफी मांगते हुए एक शालीग्राम को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
- मान्यता है कि शालीग्राम कभी भी किसी व्यक्ति से उपहार के तौर पर नहीं लेना चाहिए. बल्कि सदैव इन्हें अपने पैसों से ही खरीदना चाहिए. कहते हैं कि उपहार दिए शालीग्राम की पूजा का पूरा फल गिफ्ट दिए गए व्यक्ति को चला जाता है.
- घर में शालीग्राम स्थापित किए हुए हैं, तो मांस-मदिरा, जुआ आदि चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
- इस बात का ध्यान रखें कि शालीग्राम की पूजा में कभी भी सफेद चावल का इस्तेमाल न करें. वहीं, अगर आप अक्षत अर्पित करना चाहते हैं, तो पीले रंग के अर्पित करें.
- शालीग्राम की नियमित रूप से ही पूजा करना चाहिए. अगर आप नहीं कर पा रहे हैं, तो माफी मांगते हुए उन्हें जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
- घर में शालीग्राम स्थापित करते समय उसे हमेशा तुलसी के पौधे में ही स्थापित करें. इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं.
- शालीग्राम की पूजा के समय उन्हें तुलसी के साथ चंदन भी नियमित रूप से अर्पित करना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)