Shani ki Mahadasha: शनि की महादशा में व्यक्ति के साथ होती हैं ऐसी घटनाएं, 19 साल तक रहता है असर!
Shani ki Mahadasha ke Upay : शनि की महादशा 19 साल तक चलती है और इस दौरान शनि समेत विभिन्न ग्रहों की अंतर्दशा भी चलती हैं. इस तरह शनि की महादशा में शनि, बुध, गुरु आदि की अंतर्दशा के शुभ-अशुभ फल मिलते हैं.
Shani ki Mahadasha ka fal: Shani Grah: वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय देवता कहा गया है. शनि कर्मों के अनुसार फल देते हैं इसलिए शनि की टेढ़ी नजर व्यक्ति को अर्श से फर्श पर ला देती है. इसी के चलते लोगों के मन में शनि को लेकर डर की भावना रहती है. ज्योतिष के अनुसार शनि की महादशा 19 साल चलती है. यदि कुंडली में शनि शुभ हो तो शनि की महादशा में जातक राजा जैसी जिंदगी जीता है, उसे पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, पैसा सब कुछ मिलता है. वहीं कुंडली में शनि अशुभ हो तो जातक को शनि की महादशा खून के आंसू रुला देती है. आइए जानते हैं शनि की महादशा पर 9 ग्रहों की अंतर्दशा का प्रभाव कैसा होता है.
शनि की महादशा में शनि की अंतर्दशा
शनि की महादशा में शनि की ही अंतर्दशा 3 साल की होती है. दोनों जगहों पर शनि का होना मिले-जुले फल देता है. शनि शुभ हरे तो यह जमीन, जीवनसाथी और संतान के मामले में शुभ फल देती है. साथ ही व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है. वहीं शनि अशुभ होने पर नौकरी-व्यापार में बहुत कष्ट देता है.
शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा
शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा 2 साल 8 महीने की होती है. यदि शनि शुभ हो तो बुध की अंतर्दशा में करियर अच्छा रहता है. धन लाभ होता है. अच्छी छवि बनती है. व्यापार में बड़ी सफलता मिलती है. हालांकि बुध की अंतर्दशा में शनि का नकारात्मक असर कम होता है. लिहाजा यह समय जातक का आसानी से निकल जाता है.
शनि की महादशा में केतु की अंतर्दशा
शनि की महादशा में केतु की अंतर्दशा 1 वर्ष 1 महीने और 9 दिन की होती है. शनि और केतु का संयोग जमकर लाभ देता है. शुभ स्थिति में यह जातक को विदेश यात्रा, धन लाभ, आय में बढ़ोतरी कराता है. लेकिन नकारात्मक स्थिति जातक को तनाव, बीमारियों का शिकार बना देती है. कह सकते हैं कि जातक का मनोबल टूट जाता है.
शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा
शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 3 वर्ष 2 महीने की होती है. यह समय जातक की सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और जीवन पटरी पर आ जाता है. साथ ही अविवाहित लोगों का विवाह हो जाता है.
शनि की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा
शनि की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा 11 महीने और 12 दिन की होती है. शनि और सूर्य एक-दूसरे के परम शत्रु हैं. इसलिए शनि की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा अशुभ फल ही देती है. यह रिश्तों में तल्खी, पारिवारिक जीवन में समस्याएं और कई तरह की सेहत संबंधी समस्याएं देती है.
शनि की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा
शनि की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा 1 साल 7 महीने की होती है. यह स्थिति भी ज्योतिष में नकारात्मक मानी गई है और जातक को बीमारियों का शिकार बनाती है. उसका दांपत्य जीवन, रिश्तेदारों से संबंधों पर बुरा असर पड़ता है. दुश्मन बढ़ जाते हैं. धन हानि होती है.
शनि की महादशा में मंगल की अंतर्दशा
शनि की महादशा में मंगल की अंतर्दशा 1 साल 1 महीने और 9 दिन की होती है. यह संयोग भी अच्छा नहीं माना जाता है और मंगल की अंतर्दशा में जातक गुस्सैल हो जाता है. उसका लाइफ पार्टनर के साथ अलगाव हो सकता है. दुश्मन भारी पड़ सकते हैं. बीमारियां घेर लेती हैं. करियर का ग्राफ भी नीचे गिर सकता है.
शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा
शनि की महादश में राहु की अंतर्दशा 2 वर्ष 10 महीने और 6 दिन की होती है. यह समय जातक को खूब संघर्ष कराता है और असफलता दिलाता है. मानसिक कष्ट झेलने पड़ते हैं. आर्थिक समस्याएं घेर लेती हैं.
शनि की महादशा में बृहस्पति की अंतर्दशा
शनि की महादशा में गुरु की अंतर्दशा 2 साल 6 महीने और 12 दिन की होती है. बृहस्पति ग्रह शुभ फल देते हैं. यह जातक को करियर में ऊंचाई, सुखद दांपत्य, कामों में सफलता देते हैं. साथ ही जातक को आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं.
शनि की महादशा के उपाय
- शनि की महादशा के अशुभ फल से बचने के लिए रोज सुन्दर काण्ड का पाठ करें.
- शनिवार की शाम को हनुमान मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- कांसे के कटोरे में सरसों का तेल लें और अपना चेहरा देखें. फिर शनि मंदिर में यह कटोरा और तेल रख आएं. यह छाया दान आपको बड़ी राहत देगा.
- गरीबों को भोजन कराएं
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)