Shani ki Mahadasha Ka Asar: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और नक्षत्र का बहुत महत्व होता है. इनकी चाल और गोचर का मानव जीवन पर काफी असर पड़ता है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा ग्रह किस जातक की कुंडली में शुभ या अशुभ स्थान पर है. न्याय के देवता शनि देव इंसान को कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. शनि की महादशा की बात करें तो यह 19 साल तक चलती है. इस दौरान इंसान रंक से राजा तो अमीर से गरीब भी बन सकता है.


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महादशा 


शनि की महादशा का प्रभाव इंसान के ऊपर 19 साल तक रहता है. हर किसी को अपने जीवन में इसका असर एक बार जरूर झेलना पड़ता है. हालांकि, शनि न्यायप्रिय देवता माने जाते हैं. ऐसे में ये अच्छे कर्म करने वाले इंसानों को महादशा में काफी कुछ देकर जाते  हैं.


अशुभ


वैदिक ज्योतिष अनुसार, अगर किसी जातक की कुंडली में शनि नीच या अशुभ स्थान पर हैं तो इंसान को महादशा के दौरान काफी कष्ट भोगने पड़ते हैं. उनको जमकर धन हानि होती है. समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का क्षय होता है. आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो जाती है.


शुभ


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी जातक की कुंडली में शनि उच्च या शुभ स्थित में होते हैं तो ऐसी अवस्था में महादशा के दौरान इंसान को काफी उपलब्धि हासिल होती है. उनकी धन- दौलत में वृद्धि होती है. कारोबारियों को जमकर मुनाफा होता है. इस दौरान इंसान को राजाओं जैसा सुख प्राप्त होने लगता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)