Saturn Retrograde 2023 Today: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है. कहते हैं कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है. इसी साल 30 साल बाद शनि ने कुंभ राशि में गोचर किया है और बता दें कि 17 जून यानी आज रात 10 बजकर 56 मिनट से 6 महीने के लिए शनि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं.


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बता दें कि 4 नवंबर दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी हो जाएंगे. यानी सीधी चाल चलने लगेंगे. शनि की उल्टी चाल का प्रभाव वृषभ राशि से लकेर इन 4 राशियों पर खासतौर से देखने को मिलेगा. आइए जानें इन राशि के जातकों के बारे में. 


शनि वक्री होने पर दिखेगा इन जातकों पर बुरा असर


वृष राशि


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि आपकी राशि के दसवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं. बता दें कि इस भाव करियर, राज्य तथा पिता से होता है. शनि के गोचर करने से पिता के स्वास्थ्य पर प्रभाव देखने को मिलेगा. पेट संबंधी समस्याएं सता सकती हैं. इसके साथ ही आपके जॉब या कार्यस्थल पर व्यस्तता बढ़ने की संभवना है. शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाएं. 


कर्क राशि 


बता दें कि शनि आपकी राशि के आठवें स्थान पर वक्री होने जा रहे हैं.  बता दें कि इस स्थान का संबंध हमारी आयु से है. शनि के गोचर करने से आपके स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिलेगी. इसके साथ ही पिछली किसी बात का डर आपको परेशान कर सकता है. शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए काली उड़द की दाल का दान करें. 


सिंह राशि 


बता दें कि शनि आपके सातवें स्थान पर वक्री होने जा रहे हैं. सातवें स्थान क संबंध हमारे जीवनसाथी से है. शनि के वक्री करने से दांपत्य संबंध में तोड़ी कड़वाहट आ सकती है. ऐसे में आपको शांत रहकर ठंडे दिमाग से काम लेना होगा. वरना बात बढ़ सकती है. बिजनेस में कोई फैसला लेते समय थोड़ा सोच-विचार कर लें. शनि के दुष्प्रभावों सेबचने के लिए भवन की दहलीज की सफाई करें. पूजा करें. 


कन्या राशि 


इस राशि के छठे भाव में शनि वक्री होने जा रहे हैं. बता दें कि व्यक्ति के छठे भाव का संबंध मित्र, शत्रु तथा स्वास्थ्य से होता है. ऐसे में शनि का वक्री होना व्यक्ति की मित्र से अनबन करा सकता है. शत्रुपक्ष कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकता है. अगर पार्टनरशिप में कोई काम कर रहे हैं, तो मित्र का सहयोग प्राप्त होगा. शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए नारियल या बादाम को बहते पानी में प्रवाहित कर दें. 


कुंभ राशि 


ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार शनि अपने लग्न स्थान यानी पहले स्थान में वक्री होंगे. कुंडली में पहले स्थान का संबंध शरीर तथा मुख से होता है. इससे व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बन सकती हैं. पढ़ाई के दौरान किसी रुकावट का सामना करना पड़ सकता है. घुटने या पैर में दर्द की समस्या पैद हो सकती है. शनि की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए तवा, चिमटा या अंगीठी आदि का दान करें. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)