Tulsi Remedies: कार्तिक माह में इस विधि से करेंगे तुलसी पूजा तो कभी रूठ कर नहीं जाएंगी मां लक्ष्मी, बना रहेगा पैसों का आगमन!
Importance of Tulsi Puja In Kartik Maas: कार्तिक माह भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है. इस माह में श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सालभर धन की देवी मेहरबान रहती हैं. जानें कार्तिक माह में तुलसी की पूजा किस तरह से करनी चाहिए.
Tulsi Puja Tips: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है. नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने और शाम को दीपक आदि जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. कार्तिक का महीना भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा का खास महत्व बताया गया है. इस पूरे माह अगर विधिविधान के साथ तुलसी की पूजा की जाए, तो मां लक्ष्मी के साथ श्री हरि की कृपा भी प्राप्त होती है.
बता दें कि कार्तिक माह की शुरुआत 29 अक्टूबर से होने जा रहे हैं और 27 नवंबर तक रहेगा. इस पूरे माह भगवान विष्णु की पूजा के साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी की पूजा की जाती है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है. ऐसे में तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी के साथ श्री हरि भी घर में वास करते हैं. इस माह में पूजा-पाठ के साथ-साथ स्नान दान आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है. इससे व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में लाभ होता है.
कार्तिक माह में किया जाता है तुलसी का विवाह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय है तो उसे कार्तिक माह में भगवान विष्णु के साथ तुलसी की पूजा करनी चाहिए. बता दें कि भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है इसलिए भी कार्तिक महीने में तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से कराया जाता है. यदि इस पूरे महीने में तुलसी की पूजा करता है तो उस पर से हर प्रकार के दुखों से छुटकारा मिल सकता है.
कार्तिक महीने में ऐसे करें तुलसी की पूजा
कार्तिक महीने में विधिवत तरीके से तुलसी की पूजा करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं. इसके लिए पूरे कार्तिक महीने में एक भी दिन ना छोड़कर तड़की सुबह उठकर स्नान कर लें. अब तुलसी के गमले में स्वास्तिक चिन्ह बनाएं. या फिर पौधे के आसपास रंगोली भी बना सकते हैं. जिसके बाद तुलसी की पूजा शुरू करें. सबसे पहले साफ वस्त्र पहन कर एक लोटा में जल लें. इसके बाद तुलसी के पौधे में इसे अर्पित कर दें. अब पौधे में फूल, माला, सिंदूर, अक्षत और फिर चुनरी चढ़ाएं. जिसके बाद तुलसी को भोग लगाएं.
फिर तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और धूप जलाकर मंत्र श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा का जाप करें. जिसके बाद आखिर में आरती करें. कार्तिक महीना हो या फिर किसी और माह के किसी भी रविवार को कभी भी गलती से तुलसी को ना छुएं. ऐसा करने से व्यक्ति को दोष लग सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)