Vastu Tips: रोजाना पूजा-पाठ करना जीवन में सकारात्‍मकता लाता है, मन-मस्तिष्‍क को सुकून देता है. साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी दिलाता है. इसके लिए जरूरी है कि पूजा-पाठ के नियमों का पालन किया जाए और विधि-विधान से पूजा की जाए. वास्‍तु शास्‍त्र में बताया गया है कि घर में मंदिर कहां होना चाहिए, भगवान का मुख किस ओर होना चाहिए, पूजा करते समय हमारा मुंह किस दिशा में होना चाहिए आदि. 
 
पूजा के जरूरी वास्‍तु नियम 


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पूजा का पूरा फल तभी मिलता है, जब पूजा पूरे भक्ति-भाव और विधि-विधान से की जाए. साथ ही धर्म-शास्‍त्रों में बताए गए पूजा पाठ के नियमों का पालन किया जाए. आइए जानते हैं पूजा के जरूरी नियम. 


- वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें. उसमें भी पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा-अर्चना करना सबसे श्रेष्ठ रहता है. पूर्व दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक है. साथ ही इस दिशा में देवी-देवता वास करते हैं. पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से देवी-देवताओं की कृपा मिलती है, ज्ञान और सकारात्‍मकता मिलती है. पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा-उपासना करने से हमारे भीतर क्षमता और सामर्थ्य का संचार होता है. जिससे हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होती है. जिस घर में लोग पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करते हैं वहां हमेशा सुख-शांति, सुकून, धन और प्रसन्नता रहती है. 


- इसके अलावा पूजा करते समय हमेशा आसन पर बैठें. सीधे जमीन पर बैठकर पूजा करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. इसी तरह पूजन सामग्री को कभी भी जमीन पर ना रखें. पूजन सामग्री को हमेशा चौकी आदि पर रखें. 


- घर के अंदर मंदिर बनवाते समय ध्‍यान रखें कि मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए. साथ ही मंदिर के नीचे - ऊपर या फिर अगल-बगल में शौचालय नहीं होना चाहिए. ना ही सीढ़ी के नीचे पूजाघर बनवाएं. ऐसा करना घर में भारी वास्‍तु दोष पैदा करता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)