Vastu Tips: मेहनत के बावजूद कारोबार में नहीं हो रही तरक्की, इन उपायों से चमक जाएगी किस्मत
Vastu Tips for shop: कई दफा कड़ी मेहनत के बावजूद बिजनेस में सफलता हाथ नहीं लगती. इसकी वजह वास्तु दोष हो सकती है. ऐसे में आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि ऐसे कौन से उपाय हैं, जिनसे दुकान या कारोबार का वास्तु दोष ठीक किया जा सकता है.
Vastu Tips for Business: क्या कारोबार में आपको तरक्की नहीं मिल रही है. आपके परिश्रम में कोई कमी नहीं है फिर भी उसका फल नहीं प्राप्त हो रहा है, आपके यहां अच्छी क्वालिटी का प्रॉडक्ट होने के बाद भी उसकी अपेक्षित बिक्री नहीं हो पाती है. निश्चित मानिए कि आपके प्रतिष्ठान में किसी तरह का वास्तु दोष है, जो आपकी तरक्की में बाधा पहुंचा रहा है. जिस तरह घर के निर्माण में वास्तु दोष का ध्यान रखा जाता है, उसी तरह दुकान या व्यापारिक प्रतिष्ठान में भी वास्तु का ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है.
शुभ लक्षणों से हों युक्त
आजीविका के लिए आधारभूत कार्यालय या दुकान भी शुभ लक्षणों से युक्त होना चाहिए. वहां पर उपकरणों को ठीक से सजाना , किस दिशा की ओर मुंह करके बैठना बातों की जानकारी रहना आवश्यक है. यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित मानिए कि जीवन में मिलने वाली तरक्की से आपको कोई रोक नहीं सकता है. आइए जानते हैं वह कौन से बिंदु हैं जो आपके लिए आवश्यक हैं.
- यदि आप दुकान बनवा रहे हैं तो दुकान के पूर्व में मुख्य द्वार स्थापित कराएं. पश्चिम से पूर्व की ओर तथा दक्षिण से उत्तर की ओर फर्श को ढलानदार बनाना चाहिए.
- व्यापारी को आग्नेय कोण यानी पूर्व-दक्षिण के मध्य भाग में, पूर्वी दीवार की सीमा को स्पर्श किए बिना, दक्षिण आग्नेय की दीवार से सटकर उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए और हां दुकान के कैश बॉक्स को हमेशा दांई तरफ रखना चाहिए.
- यहां पर चबूतरे नहीं बनवाने चाहिए, फर्श पर भी न बैठें. इसकी जगह मेज या कुर्सी का प्रयोग कर सकते हैं. किसी भी हालत में ईशान कोण यानी उत्तर और पूर्व और वायव्य दिशा अर्थात उत्तर और पश्चिम की ओर आसीन नहीं होना चाहिए. यदि संभव हो तो नैऋत्य दिशा यानी दक्षिण और पश्चिम में चबूतरे या मेज का प्रबंध कर पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख कर आसीन हो सकते हैं. ऊंची सी गद्दी बनाकर फर्श पर भी बैठ सकते हैं.
- दक्षिण सिंह द्वार वाली दुकान में आग्नेय, वायव्य और ईशान दिशाओं में बैठकर व्यापार नहीं करना चाहिए.