Religion News: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम की शुरुआत के दौरान नारियल फोड़ने का रिवाज है. अधिकतर पूजा-पाठ के प्रयोजन में नारियल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कई बार यह नारियल अंदर से खराब निकल जाता है. ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि खराब नारियल किसी अनहोनी की निशानी है, जो जीवन में आने वाले संकट की ओर इशारा करती है. हालांकि, शास्त्रों के जानकार इससे अलग मत रखते हैं. शास्त्रों के जानकारों का कहना है कि अगर पूजा-पाठ में चढ़ाया हुआ नारियल अंदर से खराब निकलता है तो इसका मतलब है कि आपकी पूजा सफल और भगवान ने प्रसाद ग्रहण कर लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खराब नारियल है शुभ संकेत


जानकारों का कहना है कि अगर पूजा में चढ़ाया हुआ नारियल अंदर से खराब है तो यह भगवान की तरफ से शुभ संकेत है. पूजा का खराब नारियल परिवार में जल्द ही अच्छे परिणाम लेकर आता है, जिससे परिवार के सदस्यों पर सकारात्मक असर देखने को मिलता है और उनके जीवन में आने वाली बाधाएं टल जाती हैं.


क्यों चढ़ाया जाता है नारियल?


बुजुर्गों का कहना है कि पुराने समय में पूजा-पाठ के दौरान बलि दी जाती थी. तभी शंकराचार्य ने बलि की प्रथा को तोड़ने के लिए नारियल फोड़ने का रिवाज शुरू किया और तब से यह परंपरा चली आ रही है. बुजुर्गों के मुताबिक बलि प्रथा एक अमानवीय परंपरा थी जिसमें जानवरों की बलि अर्पित की जाती थी. उसी के स्थान पर नारियल फोड़कर भगवान को प्रसन्न करने की परंपरा शुरू हुई. 


नारियल फोड़ने का मतलब क्या होता है?


आपने ज्यादातर पूजा-पाठ में नारियल फोड़ते हुए लोगों को देखा होगा. शास्त्रों के जानकारों का कहना है कि जब हम नारियल फोड़कर भगवान को अर्पित करते हैं तो इसका मतलब है कि हम अपने अंदर का अहंकार और स्वार्थ भगवान के सामने रख रहे हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)